Published On : Wed, Dec 13th, 2017

प्रधानमंत्री:एक राष्ट्रीय शर्म के दोषी!

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शर्मनाक!

एक राष्ट्रीय शर्म!!

अन्य देशवासियों की तरह मैं भी अपने प्रधानमंत्री की।बहुत इज्ज़त करता हूँ।एक तटस्थ/निष्पक्ष पत्रकार होने के नाते मुद्दा आधारित टिप्पणियां उनकी कतिपय नीतियों/कार्यक्रमों के खिलाफ भी होती हैं, किन्तु कोई व्यक्तिगत अनादर/द्वेष वश नहीं।उद्देश्य आईना दिखाना और राष्ट्रहित में संशोधन/समाधान की अपेक्षा।कोई पूर्वाग्रह नहीं।

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गुजरात चुनाव की गहमागही के बीच प्रधानमंत्री ने मणिशंकर अय्यर द्वारा आयोजित एक “भोज बैठक” को चुनाव में पाकिस्तान की कथित दिलचस्पी/हस्तक्षेप से जोड़ दिया, उससे पूरा देश हतप्रभ है।प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक आरोप लगा दिया कि बैठक में पाकिस्तानी सेना के एक पूर्व डीजी के साथ गुजरात चुनाव पर चर्चा हुई, हास्यास्पद है।बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी, पूर्व विदेशमंत्री नटवर सिंह,अनेक पूर्व राजनयिक, पत्रकार सहित भारत के पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर भी मौजूद थे।तो क्या गुजरात चुनाव को ले कर कथित रूप से रचे जा रहे षडयंत्र में भारतीय सेना के पूर्व सेनाध्यक्ष की भी सहभागिता थी?आश्चर्य कि भारत की तमाम खुफिया एजेंसियों को, सेना की खुफिया एजेंसी सहित, इसकी भनक तक नहीं लगी!क्या इतनी नकारा हैं हमारी खुफिया एजेंसियां?

शत प्रतिशत अविश्वसनीय!घटिया सोच!पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर बता चुके हैं कि बैठक में चुनाव पर कोई चर्चा नहीं हुई।पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कठोर शब्दों में प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी की भर्त्सना करते हुए देश से क्षमा मांगने की मांग की है।स्वयं भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के समर्थकों का हतप्रभ बड़ा वर्ग भी नाराज़ है।अन्य देशवासियों की तरह वे भी चाहते हैं कि प्रधानमंत्री पूरे देश से क्षमा मांगें।दुःखद कि प्रधानमंत्री की मूर्खता के कारण पाकिस्तान जैसे पिद्दी देश को भारत पर हंसने, नसीहत देने का अवसर मिल गया।

राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अपनी जगह।प्रधानमंत्री पद की गरिमा सर्वोपरि!इसे अक्षुण्ण रखने का दायित्व मुख्यतः प्रधानमंत्री पर है ।
प्रधानमंत्री बदलते रहेंगे।सरकारें बदलती रहेंगी।देश कायम रहेगा।इसकी प्रतिष्ठा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता।प्रधानमंत्री भी नहीं।
अब हमारे देश को, हमारे लोकतंत्र को जो नुकसान होना था, वो हो चुका।लेकिन, अब बस।

प्रिय प्रधानमंत्री जी!करवद्ध प्रार्थना है कि अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाने पर लें, लेकिन ये सुनिश्चित करते हुए कि महान भारत देश की आन-बान-शान पर कोई दाग नहीं लगे।

क्योंकि, ये भारत देश किसी की बपौती नहीं है।

देश की जनता इसकी मालिक है।

… ​एस एन विनोद ​

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