Published On : Wed, Oct 6th, 2021
By Nagpur Today Nagpur News

राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम के पावर प्लांट मे प्रदूषण का कहर

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नागपुर: नैशनल थर्मल पावर कारपोरेशन के छत्तीसगढ़ स्थित बाल्को ताप विद्युत परियोजना में प्रदूषण अपनी सीमा लांघ चुका है। यहां राख प्रदूषण की वजह से एश- राखड़ बांध भर गए हैं। अतिरिक्त राख को हसदेव नदी व उसकी सहायक नदियों में बहाया जा रहा हैं । इससे जीवनदायिनी नदियां प्रदूषित हो रही हैं, और इनके अस्तित्व पर खतरा है।इतना ही नहीं इन ताप बिजली परियोजना की गगनचुंबी चिमनियों से निकलने वाले कार्बाईड आक्साईड के कंण उड़ उड़कर आस-पास के इलाकों में फैलने से मनुष्य सहित अन्य जीवधारी प्राणियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर. कोरबा के बालको, पावर प्लांट से निकलने वाली राखड़ को हसदेव व उसकी सहायक नदियों में छोड़ा गया है।जिससे नदियों का जल प्रदूषित हो रहा है।जिसे पीकर मवेशियों मे स्वास्थ्य संकट का खतरा मंडरा रहा है।इसके खिलाफ उच्च न्यायालय मे जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन, बालको, एनटीपीसी, राज्य पर्यावरण मंडल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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समाजसेवी दिलेन्द्र यादव ने वकील सतीश गुप्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सीपत, कोरबा, बाल्को में स्थित पावर प्लांटों से प्रतिदिन लाखों टन राखड़ निकलती है । इस अपशिष्ट को डैम बनाकर एक जगह रख कर विभिन्न निर्माण क्षेत्र में उपयोग किया जाना है । बाल्को व एनटीपीसी के राखड़ बांध भर गए हैं। अतिरिक्त राख को हसदेव नदी व उसकी सहायक नदियों में बहाया जा रहा हैं । इससे जीवनदायिनी नदियां प्रदूषित हो रही हैं, और इनके अस्तित्व पर खतरा है।
शुक्रवार को चीफ जस्टिस की डीबी में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने एनटीपीसी, बालको, राज्य शासन, पर्यावरण मंडल सहित अन्य को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।

यह हैं हालात
कोरबा क्षेत्र में पावर प्लांटों की राख एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। कोरबा जिले में एनटीपीसी, सीएसईबी और बालको के अलावा कई निजी कंपनियों के संयंत्र हैं। सभी इकाइयां कोयले पर आधारित हैं। बिजली उत्पादन के लिए प्रतिदिन औसत 70 हजार टन से अधिक कोयले की जरूरत पड़ती है। इसके दहन से हर साल डेढ़ करोड़ मीट्रिक टन राख से अधिक निकलती है। समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में बिजली घरों से एक करोड़ 64 लाख 92 हजार 321 मीट्रिक टन राख निकली है जिसे राखड़ बांध में रखा गया है। हल्की हवा चलने पर भी राख उड़कर आसपास के इलाकों में गिर रही है। राख को नदियों में बहाने से वे भी प्रदूषित हो रहीं हैं।तसंबंध में आल इंडिया सोसल आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष श्री टेकचंद सनोडिया शास्त्री ने केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय तथा राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान के वैज्ञानिकों द्वारा प्रदूषण की सूक्ष्म एवं निष्पक्ष जांच-पड़ताल करवाई जानें की मांग की है।

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