– बिजली संकट से बिजली उपभोक्ताओं में हाहाकार
नागपुर – मांगोनुरुप कोयला की कमी तथा तकनीकी खामियां और कमीशनखोरी की वजह से महाराष्ट्र प्रदेश सहित पूरे देश मे संकट बिजली गहराया हुआ है। ऊर्जा मंत्रालय की माने तो महाराष्ट्र में बिजली की किल्लत हो रही है। गत सप्ताह बिजली संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अधिकारियों के साथ तीन घंटे तक बैठक की थी गौरतलब है कि वर्तमान परिवेश में महाराष्ट्र को 25 हजार मेगावाट बिजली की आवश्यकता है। लेकिन यहां सिर्फ 21 हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध हो पा रही है।
महाराष्ट्र में 150 करोड़ की अतिरिक्त बिजली खरीदने की तैयारी
महाराष्ट्र में बिजली की भारी कमी है। बिजली की मांग को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अतिरिक्त बिजली खरीदने की अनुमति दी है। विगत दिनों महाराष्ट्र राज्य के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि महावितरण सीजीपीएल कंपनी से 4.50 रुपये से 5.50 रुपये प्रति यूनिट की दर पर महाराष्ट्र को बिजली मिल सकती है, जबकि पावर एक्सचेंज से 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली उपलब्ध हो सकती है।
बढ़ती गर्मी, किसानों और उद्योगों की बढ़ती बिजली की मांगों को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अतिरिक्त बिजली खरीदने की अनुमति दी है। माना जा रहा है कि जून तक बिजली की मांग करीब 30,000 मेगावॉट तक की जा सकती है।
निधि अटकी से परियोजनाएं
महानिर्मिती प्रबंधन के तकनीकी सूत्रों की मानें तो निधि के अभाव में अनेक पावर प्लांटों में कोलमिल तथा कोल कन्वेयर बेल्टों के बेयरिंग घिस चुके हैं। नये बेयरिंग खरीदने के लिए बिजली कंपनियों के पास धन का अभाव है। इसके अलावा अन्य पुराने कलपुर्जों में जंग लग रहा है। धनाभाव का मुख्य कारण है अधिकारियों और मंत्रियों की जरुरत से अधिक कमीशनखोरी आडे आ रही है। देश की सभी परियोजनाओं के करीबन 30 हजार मटेरियल कलपुर्जे सप्लायरों, डीलरों,पावर प्लांट में वार्षिक देखभाल कार्यों में कार्यरत कंपनी ठेकेदारों द्वारा किए कार्यों का करोड़ों रुपए बकाया है। परिणामत: कमीशनखोरी की सौदेबाजी के लिए भुगतान में कोताही बरतने की खबर है।
क्या है वजह बिजली संकट में ?
– देश के बिजली संयंत्रों में कोयला भंडार नौ साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है।
– गाड़ी लॉकडाउन के बाद पटरी पर लौट रही औद्योगिक गतिविधियों के चलते उद्योगों में बिजली की खपत बढ़ी है।
– गर्मी के कारण भी कई बिजली कंपनियों में मांग में 7-10% तक वृद्धि हुई है।
– कोयले की आपूर्ति पहले की तरह हो रही है। समस्या मांग बढ़ने से हुई है
असल में कोयले की वजह से नहीं बल्कि तकनीकी खामियों के कारणों से उत्पादन प्रभावित हुआ है। अनपरा की दो यूनिटों में लीकेज के कारण उत्पादन बंद हुआ है। यह शीघ्र चालू हो जाएगी। लेनको पावर प्लांट बंद हो गया था, जो चालू हो गया है। मंत्री एके शर्मा ने भारत सरकार से प्रदेश को पर्याप्त कोयला भेजने का आग्रह किया है। गांवों को रात में भी पर्याप्त बिजली देने की कोशिश हो रही है। – एम. देवराज, चेयरमैन यूपी पावर कॉरपोरेशन
केंद्र शासित प्रदेश भी स्थिति से निपटने के लिए कदम उठा रहे हैं.
657 पैसेंजर ट्रेन रद्द
इसी बीच यूपी में बिजली आपूर्ति बनाए रखने में मदद के लिए केंद्र सरकार ने 657 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि इन गाड़ियों को इसलिए रद्द किया गया, ताकि थर्मल पावर स्टेशनों के लिए सप्लाई किए जा रहे कोयले से लदी माल गाड़ियों को आसानी से रास्ता प्रदान किया जा सके और समय से कोयला पहुंच सके.