Published On : Tue, Aug 25th, 2020

प्रशांत भूषण अवमानना केस: सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा

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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े के खिलाफ ट्वीट्स को लेकर प्रशांत भूषण अवमानना केस में आज सुनवाई हुई. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन ने सजा नहीं देने की मांग की. इस सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशांत भूषण का ट्वीट अनुचित था. सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

सुनवाई के लाइव अपडेट्स यहां पढ़ें-

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– इस सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि इनको क्षमा कर देना चाहिए. बार भी आपके इस कदम की तारीफ करेगा. इन्होंने कई अच्छे काम भी किए हैं. फूड सिक्योरिटी, मजदूरों के लिए, बुनियादी अधिकारों के लिए.

– इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लेकिन जब ये आप पर हमला करते हैं तब तो आप हमारे पास अवमानना की अर्जी लेकर आए ना!

-अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा- लेकिन फिर मैंने शिकायत वापस भी ली ना!

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लेकिन आपने तब वापस ली, जब इन्होंने अफसोस जताया. अब वो इधर कहें या उधर, लेकिन जब बुनियाद हिलाने का दुस्साहस कोई करे तो कुछ न कुछ करना होगा. इसके लिए उन्होंने अपना सच गढ़ा और उसकी ही आड़ ली. ये बहुत नकारात्मक है और कई मामलों में हतोत्साह करने वाला भी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अगर आप हमें ऐसा करने की सलाह दे रहे हैं और अगर ऐसा किया भी जाए तब भी ये हम पर ही इल्जाम धरेंगे. अटॉर्नी जनरल के रूप में आप ही विचार करें जो कुछ इन्होंने कहा है उस पर. इन्होंने जिन बुनियादी तथ्यों की बात कही है और ये जिनकी आड़ ले रहे हैं, हमारे बुनियादी तथ्य और सत्य इनसे अलग हैं. हमे इनके बयान दुर्भावना से भरे लग रहे हैं.

– सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को फिर से उन आरोपों के बारे में “सोचने” के लिए कहा और अगर वह चाहते हैं तो अपना बयान वापस ले सकते हैं. कोर्ट की सुनवाई 30 मिनट बाद फिर से शुरू होगी.

– लंच ब्रेक के बाद अवमानना मामले की सुनवाई में प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन ने कहा कि अगर भूषण को सजा हुई तो यह न्यायपालिका के लिए काला दिन होगा. प्रशांत भूषण ने एक वकील के तौर पर न्यायपालिका और देश के लिए बहुत सेवाएं दी है. उनका योगदान बहुत है.

– राजीव धवन ने प्रशांत भूषण के बचाव में दलील देते हुए कहा कि मैंने तो जजों और न्यायपालिका के बारे में बहुत कुछ लिखा है, बोला है. आलोचना भी की है. सैकड़ों आर्टिकल भी लिखे है. इस तरह का आदेश पिछली सुनवाई में दिया गया कि बिना शर्त माफी के लिए दो दिन का समय दिया जाता है. यह गलत ज्यूरिसप्रूडेंस है.

– राजीव धवन ने कहा कि अगर प्रशांत भूषण के बयान को पढ़ा जाए, तो उन्होंने कहा है कि उनके पास इस संस्थान के लिए सबसे अधिक सम्मान है, लेकिन पिछले 4 सीजेआई और इस अदालत के तरीके के बारे में उनकी अलग राय है. जब हम संस्था के बारे में ईमानदारी महसूस करते हैं तो हम अदालत की आलोचना भी करते हैं.

– राजीव धवन ने कहा कि एक संस्था के रूप में कोर्ट को बने रहने के लिए आलोचना होती रहनी चाहिए. कोर्ट को अदालत की अवमानना ​​के लिए प्रशांत भूषण को दोषी ठहराने के अपने फैसले को वापस लेना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है, तो उन्हें अवमानना पर कोई सजा नहीं देनी चाहिए, क्योंकि उसके द्वारा की गई आलोचना कड़ी थी, लेकिन अपमानजनक नहीं थी.

– राजीव धवन ने कहा कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि प्रशांत भूषण को शहीद न बनाएं. बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने और कल्याण सिंह के जेल जाने के बाद लोग उनकी प्रशंसा करने लगे थे. कृपया उन्हें यहां शहीद न बनाएं.

– एडवोकेट सीयू सिंह ने भी प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना के मामले को बंद करने में अटॉर्नी जनरल का समर्थन किया.

-जस्टिस अरूण मिश्रा ने कहा कि अपने ट्वीट्स के औचित्य में दिये गए प्रशांत भूषण के जवाब निराशाजनक और अनुचित थे. आपको सहनशील होना होगा. आप देखें कि अदालत क्या कर रही है और क्यों कर रही है. सिर्फ हमला मत करिए. जज खुद का बचाव करने या समझाने के लिए प्रेस के पास नहीं जा सकते. क्या लोग हमारी आलोचना नहीं कर रहे हैं? इतने लोग हमारी आलोचना करते हैं, लेकिन हमने कितने लोगों को दोषी ठहराया या सजा दी है?

– जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि 2009 से लंबित भूषण के खिलाफ एक और मामला है, क्या उन्हें वहां सजा दी गई है? मुझे रिटायर होना है कुछ ही दिनों में और यह पीड़ादायक है कि मुझे इस सब से निपटना पड़ रहा है.

– सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.

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