नागपुर: बीते दिनों अपनी जान को ख़तरा बताते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस तक करने वाले विश्व हिन्दू परिषद के कार्याध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया संघ की अखिल भारतीय प्रतिनधि सभा में पहुँचे। पत्रकारों के सवालो के जवाब देने अक्सर आसानी से उपलब्ध रहने वाले तोगड़िया शुक्रवार को मौन रहे। अपने आक्रामक तेवरों के लिए पहचाने जाने वाले तोगड़िया ने संवाद माध्यमों से बातचीत में बस इतना कहाँ की कार्यक्रम संघ का है इसलिए यहाँ जो भी बोलना है वह संघ के लोग बोलेंगे। शुक्रवार से रेशमबाग स्थित स्मृति भवन में प्रतिनिधि सभा की शुरुवात हुई। सभा के शुभारंभ में तोगड़िया ने अन्य प्रतिनधियों के साथ इसमें हिस्सा लिया।
संघ भूमि पहुँचकर भले ही तोगड़िया ने मौन धारण कर लिया हो, लेकिन संकेत है की वह प्रतिनिधि सभा में अपनी बात पुख़्ता तरीके से रखेंगे। इस बैठक में विश्व हिन्दू परिषद की भूमिका पर सबका ध्यान रहेगा। कयास है की तोगड़िया अपने संगठन के कामों का विवरण देने के ही साथ हिंदुत्व के मुद्दे पर हो रहे कार्यो और इस काम के लिए आ रही मुश्किलों की भी जानकारी देंगे। इस बैठक में संघ कार्य के दृढीकरण के विषय को लेकर संघ से जुड़े सभी 35 संगठनों को अपनी बात रखेंगे।
तोगड़िया केंद्र सरकार को लेकर तल्ख़ रुख अपनाए हुए है। बीते दिनों उन्होंने कई बार केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की। साल भर पहले नागपुर में हुए विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में राम मंदिर मुद्दे पर केंद्र सरकार को आड़े हाँथो लेते हुए कहाँ था की विहिप इस मुद्दे पर किसी सरकार की परवाह नहीं करती। मंदिर हर हाल में बनकर रहेगा। उनके इस बयान के बाद बीजेपी से उनकी दूरी और बढ़ गई हाल के दिनों में तो उन्हें उपेक्षा का शिकार भी होना पड़ा। बीते दिनों अचानक गायब होकर प्रकट हुए तोगड़िया ने केंद्र की गुप्तचर एजेंसियों से खुद के एनकाउंटर का खतरा बताया था। उनकी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद तो सरकार से उनकी आमने-सामने की लड़ाई हो गयी। तोगड़िया के इतने बड़े बयान के बावजूद कोई उनके साथ खड़ा नहीं दिखा था। अब अखिल भारतीय प्रतिनधि सभा के रूप में तोगड़िया को अपनी बात रखने का एक सफल मंच मिला है। इसका वह भरपूर फायदा उठाना चाहेंगे। तोगड़िया के सभा में उपस्थित होने को लेकर संशय था लेकिन उन्होंने इसमें हिस्सा लिया।
उद्घाटन अवसर पर नहीं पहुँचे अमित शाह
कयास थे की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रतिनिधि सभा के उद्घाटन अवसर पर ही भाग लेंगे लेकिन वो नहीं आये। सभा के संघ के सभी संगठनो को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता है। इसके अलावा विभिन्न संगठनो द्वारा शुरू कार्यो और भविष्य में किये जाने वाले कार्यो की मीमांसा की जाती है। उम्मीद थी की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही दिन इसमें शिरकत करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तीन दिनों की इस सभा के दौरान कौन सा संगठन अपनी क्या भूमिका रखता है इस पर सबकी नजर रहेगी। संघ के ही संगठन विहिप, भारतीय मजदुर संघ, किसान संघ जैसे कई संगठन केंद्र के अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके है।