एक माह के भीतर सरकारी तिरोजी में जमा करनी होगी राशि
बुलढाणा। स्थानीय औद्योगिक संस्था (आईटीआई) के प्रभारी प्राचार्य मेश्राम द्वारा आईटीआई में किए गए निर्माण कार्य में बिना राजस्व विभाग की अनुमति के 159 ब्रास गौण खनिज का इस्तेमाल करना बहुत महंगा पड़ गया है. तहसीलदार ने प्रभारी प्राचार्य पर 5 लाख 70 हजार का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि महीने भर के भीतर सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार भ्रष्टाचार विरोधी लोक आंदोलन के निलेश भूतड़ा ने इस संबंध में पहले भी शिकायत दर्ज कराई थी. उस समय 4 लाख 13 हजार 400 रुपए का जुर्माना उन पर किया गया था. मगर तकनीकी नापजोख नहीं किए जाने के कारण जुर्माने की राशि कम निकली थी. इसके बाद इस मामले की दोबारा जांच की मांग की गई थी.
आईटीआई के प्रभारी प्राचार्य मेश्राम द्वारा अवैध गौण खनिज (मुरुम) का इस्तेमाल करने की शिकायत मिलते ही 19 जुलाई 2014 को मंडल अधिकारियों ने पंचनामा किया. पुनर्विचार की मांग के बाद लोकनिर्माण विभाग के उपविभागीय अभियंता से रिपोर्ट मांगी गई. 6 सितंबर 2014 के पत्र के अनुसार उपविभागीय अभियंता ने 621 घनमीटर क्षेत्र में उत्खनन करने की बात कही. इस आंकड़े को ब्रास में देने को कहा गया. इसके बाद रिपोर्ट में 621 घनमीटर यानी 219.43 ब्रास बताया गया. इसी रिपोर्ट के आधार पर प्राचार्य पर जुर्माना लगाया गया है.
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