Published On : Tue, Feb 25th, 2020

फडणवीस सरकार के कार्यकाल में 39 अधिकारियों का प्रमोशन विवादों में आया

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नागपुर– देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में सरकारी अधिकारियों की पदोन्नति के संबंध में एक निर्णय विवादास्पद होने की संभावना है. चुनाव आचार संहिता शुरू होने से ठीक तीन घंटे पहले खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के 39 अधिकारियों को पदोन्नत करने का आरोप लगाया गया है. 4 आपूर्ति निरीक्षकों ने आरोप लगाया है कि पदोन्नति अवैध थी. महत्वपूर्ण बात यह है कि विदर्भ के अधिकारियों पर भी पदोन्नति के लिए लॉबिंग करने का आरोप है.

देवेंद्र फड़नवीस ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की पदोन्नति पर कहा की “ यह सरकार कोई भी जांच कर सकती है. उन्हें हमें डराने की कोशिश नहीं करनी चाहिए . मीडिया में खबर देकर हम पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है. अगर जांच में कुछ गड़बड़ निकली तो निश्चित कार्रवाई की जानी चाहिए. ‘

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दरअसल ठाकरे सरकार सत्ता में आने के बाद फडणवीस सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की समीक्षा की जा रही है. साथ ही, फडणवीस सरकार के दौरान लिए गए कई फैसलों को समीक्षा के बाद स्थगित कर दिया गया है. इसी तरह, फडणवीस सरकार के समय का एक और निर्णय विवाद के रूप में सामने आ रहा है. चुनाव आचार संहिता लगने के तीन घंटे पहले ही खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के 39 अधिकारियों की पदोन्नति काविरोध हो रहा है. यह भी बताया गया है कि अधिकारियों को पदोन्नति देते हुए अमरावती, नागपुर मंडल को ज्यादा तवज्जो दी गई. इसके कारण विदर्भ के अधिकारियों की लॉबिंग होकर कोंकण, नासिक, औरंगाबाद और पुणे विभाग को इससे अलग रखने का आरोप भी आपूर्ति निरीक्षको ने लगाया है.

बताया जा रहा है कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी केवल विदर्भ के ही हो इसकी लॉबिंग होने की बात की जा रही है. इस बीच, इस मामले में खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल से शिकायत की गई है. साथ ही, विभाग निरीक्षक का दावा है कि मामला सूचना के अधिकार के तहत सामने आया है. इतना ही नहीं तो पदोन्नति के दौरान आर्थिक व्यवहार के आरोप भी लगाए गए हैं. इसलिए, मामले की जांच और पदोन्नति रोकने की मांग भी की जा रही है.

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