– आर्थिक राजधानी को राज्य की उप-राजधानी से जोड़ता है,जिसकी 7.78 किमी लंबी डबल टनल का सिविल वर्क पूरा हो चुका है
नागपुर -महाराष्ट्र में सबसे लंबी सुरंग का निर्माण मुंबई-नागपुर समृद्धि राजमार्ग पर किया गया है, जो देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को राज्य की उप-राजधानी नागपुर से जोड़ता है. 7.78 किमी लंबी डबल टनल का सिविल वर्क पूरा हो चुका है। मुंबई-नागपुर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण ‘एफकॉन’ द्वारा नासिक और ठाणे जिलों की सीमा पर इगतपुरी के पास वाशाला में किया गया हैं.
सुरंग को ‘न्यू ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मेथड’ नामक आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है, इसलिए इसका जीवनकाल 100 वर्ष तक है।
‘ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे’ के साथ बन रही छह सुरंगों में से यह महाराष्ट्र की सबसे लंबी और चौड़ी राजमार्ग सुरंग है। यह 3-लेन डबल टनल बाईं ओर 7.78 किमी और दाईं ओर 7.74 किमी और 35 मीटर चौड़ी है। फिलहाल मोटर चालकों को कसारा घाट पार करने में 20 से 25 मिनट का समय लगता है, लेकिन यह सुरंग महज 5 से 6 मिनट में घाट को पार कर पाएगी।
‘ट्विन टनल’ के अंदर पक्की सड़क का काम अब पूरा हो गया है।अब बिजली की लाइट, पंखे आदि लगाने का काम बाकी है। उन्हें भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
समृद्धि हाईवे पर सुरंगों का निर्माण इस तरह से किया गया है कि ये 100 साल तक चल सकती हैं। इस हाईवे पर वाहनों की गति सीमा 120 किमी प्रति घंटे से अधिक है। सुरंग को आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बनाया गया था जिसे ‘न्यू ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मेथड’ कहा जाता है, जिसे ‘डिज़ाइन एज़ यू गो’ पद्धति के रूप में भी जाना जाता है।
कोविड-19 महामारी के दौरान भी इस महत्वपूर्ण सुरंग पर काम जारी रहा। काम करते समय कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। यह काम तज्ञ अभियंताओं और करीब 2000 कर्मचारियों के जरिए पूरा किया जा रहा है।
समृद्धि महामार्ग करीब 55,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला ग्रीन एक्सप्रेस-वे राज्य के 10 जिलों से होकर गुजरेगा. इनमें ठाणे, नासिक, अहमदनगर, जालना, औरंगाबाद, बुलढाणा, वाशिम, अमरावती, वर्धा और नागपुर शामिल हैं। एक्सप्रेस-वे पेट्रोल, सीएनजी पंप, इलेक्ट्रिक चार्जर, होटल आदि भी बनाए जा रहे हैं।