-कोरोना काल में कार्यरत शिक्षकों का किया गया सत्कार
नागपुर: कोरोना महामारी के भीषण संकट के दौरान डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस के साथ-साथ शिक्षकों ने भी जान की परवाह किए बगैर जोखिम को स्वीकार कर अपना कर्तव्य निभाया। एक ओर जहां कोरोना मरीज़ों से उनके घरवाले भी नहीं मिल सकते हैं, इन मनपा के शिक्षकों ने अपनी जान खतरे में डालकर घर-घर जाकर सर्वे किया।
महापौर दया शंकर तिवारी ने कहा कि संकट की घड़ी में जोखिम उठाकर अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देने वाले यह सभी शिक्षक निगम का गौरव हैं। महापौर और गांधीबाग ज़ोन की अध्यक्षा श्रद्धा पाठक ने शिक्षक दिवस के अवसर पर इन शिक्षकों को सम्मानित किया।
महापौर दयाशंकर तिवारी ने रविवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर ज़ोन में कोरोना काल में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले शिक्षकों को गांधीबाग ज़ोन की अध्यक्षा श्रद्धा पाठक की संकल्पना से सम्मानित किया। इस अवसर पर अध्यक्षा श्रद्धा पाठक, पार्षद नेहा वाघमारे, शिक्षा अधिकारी प्रीति मिश्रीकोटकर, सहायक आयुक्त अशोक पाटिल, डॉ. ख्वाजा मोइनुद्दीन जोनल चिकित्सा अधिकारी आदि मान्यवर उपस्थित थे।
सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज़ गांधीबाग और सतरंजीपुरा ज़ोन में पाए गए हैं। गांधीबाग ज़ोन तीन महीने तक रेड जोन में रहा। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में यहां के शिक्षकों ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का महत्वपूर्ण कार्य कर ट्रांसमिशन की चेन तोड़ने में अहम भूमिका निभाई। निगम के शिक्षकों ने अपने कर्तव्यों के अलावा इस बात का भी ध्यान रखा कि छात्रों की ऑनलाइन शिक्षा बाधित न हो। इस सेवा में निगम के एक शिक्षक की मृत्यु भी हो गई।
नागपुर महानगरपालिका के शिक्षकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर अपने शहर में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है। इस आशय के विचार महापौर दयाशंकर तिवारी ने शिक्षक सत्कार समारोह के दौरान व्यक्त किए।