– मंत्रिमंडल विस्तार व निधि उपलब्धता की राह तक रहे
नागपुर – राज्य सरकार का लोक निर्माण विभाग(PWD) फिलहाल आराम कर रहा है क्योंकि महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान विकास कार्यों के लिए दी गई निधि ,जो 2 वर्ष में खर्च करना था,उसे रोक दी गई है. इस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि करीब एक महीने से कोई काम नहीं है. इसलिए सम्बंधित सरकारी ठेकेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं !
शिंदे सेना और भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी जिला योजना समिति (डीपीसी) के कार्यों पर रोक लगा दिया। इस सरकार को सत्ता में आए करीब एक माह का समय बीत चुका है। कैबिनेट का विस्तार अभी नहीं हुआ है। कब विस्तार होगा कोई नहीं जानता।संभवतः सुको के आज के निर्णय बाद विस्तार की संभावना बन सकती हैं.
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ही सभी जिलों को पालकमंत्री मिलेगा । डीपीसी की राशि खर्च करने के लिए पालक मंत्री की मंजूरी जरूरी है। उनकी अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाती हैं और निधि आवंटित किया जाता है।
नागपुर डीपीसी को जिले के विकास के लिए 625 करोड़ का फंड मंजूर किया गया। अब तक लगभग 500 करोड़ की धनराशि प्राप्त हो चुकी है तथा 40 करोड़ के कार्यों की स्वीकृति भी मिल चुकी है। इन सभी कार्यों को रोक दिया गया है। डीपीसी के नियमानुसार प्रत्येक माह आम सभा होनी चाहिए,लेकिन राज्य में राजनीतिक तूफान ने सब ठप कर दिया हैं।
जिले के पूर्व पालकमंत्री मंत्री नितिन राउत द्वारा बैठक के लिए कोई समय नहीं दिया गया था। इसलिए इस महीने ऐसा होने की उम्मीद थी। लोक निर्माण विभाग का कार्यालय साल भर व्यस्त रहता है। यहां ठेकेदारों की लॉबी सक्रिय है।
विशेष कर PWD अधिकारियों के पास समय नहीं है। फ़िलहाल पैसा नहीं है इसलिए ठेकेदार नहीं आता है। विकास कार्य थमने से अधिकारियों के दौरे, निरीक्षक सभी बंद हैं। ऑफिस में आराम करने के अलावा कोई काम नहीं हैं.
उल्लेखनीय यह है कि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का कहना है कि निधि उपलब्ध होगा और कैबिनेट विस्तार गतिरोध सुलझने के बाद ही काम शुरू होगा।