राहुल गांधी के ब्रिटेन में दिए बयान को लेकर संसद में हंगामा मचा हुआ है. इसी बीच राहुल गांधी ब्रिटेन दौरे से भारत लौट आए हैं. वे गुरुवार को संसद पहुंचे. इसके बाद उन्होंने दोपहर करीब 3:30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकार अडानी मुद्दे से डरी हुई है. उन्होंने बताया कि मैं आज संसद गया और स्पीकर से मिला. उन्होंने बताया कि मैंने स्पीकर से कहा कि मैं संसद में बोलना चाहता हूं, अपनी बात रखना चाहता हूं. सरकार के चार मंत्रियों ने सदन में मेरे ऊपर आरोप लगाए हैं इसलिए मुझे मेरी बात रखने देनी चाहिए. हालांकि मुझे ऐसा लगता है कि मुझे संसद में नहीं बोलने दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि आज मेरे आने के 1 मिनट के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया.
उन्होंने कहा- मैंने अडानी और नरेंद्र मोदी जी के बारे में संसद में जो भाषण दिया था, उसे कार्यवाही से हटा दिया गया और उस भाषण में ऐसी कोई चीज नहीं थी, जिसे हटाया जाए. मैंने सभी बातें पब्लिक रेकॉर्ड, लोगों के बयानों और अखबारों से निकालकर कही थीं. राहुल ने कहा कि ये पूरा मामला लोगों के ध्यान भटकाने का मामला है. अडानी के मुद्दे से सरकार डरी हुई है, इसलिए वह यह सब कर रही है.
राहुल गांधी ने सरकार से फिर पूछे सवाल –
अडानी और नरेंद्र मोदी जी का रिश्ता क्या है?
– डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट्स गौतम अडानी को ही क्यों दिए जा रहे हैं? –
श्रीलंका और बांग्लादेश में जो बात हुई वह क्यों हुई, किसने की? –
ऑस्ट्रेलिया में पीएम नरेंद्र मोदी, अडानी और स्टेट बैंक के चेयरमैन की जो मीटिंग हुई वो क्यों हुई, उसमें क्या डिस्कस हुआ? कांग्रेस नेता राहुल गांधी हाल ही में ब्रिटेन दौरे पर पहुंचे थे यहां उन्होंने कैम्ब्रिज समेत तमाम कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. राहुल गांधी के ब्रिटेन दौरे पर दिए गए बयानों को लेकर भारत में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. संसद में भी पिछले दो दिनों से राहुल के मुद्दे पर कांग्रेस और सत्ताधारी बीजेपी आमने सामने है. जहां बीजेपी राहुल से माफी मांगने के लिए कह रही है, तो वहीं कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि राहुल के बयान पर माफी का कोई सवाल ही नहीं है.
राहुल के किन बयानों पर मचा है बवाल?
– राहुल ने लंदन में जर्नलिस्ट एसोसिएशन नाम के संगठन की ओर से आयोजित कार्यकम में कहा था, ”यदि यूरोप से तीन या 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र खत्म हो जाता है, तो आप कैसे रिएक्ट करेंगे. असल में भारत में ऐसा हो चुका है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है. इसकी वजह यह है कि कारोबार और पैसे का मामला है. अमेरिका से आबादी में तीन से 4 गुना बड़े देश में लोकतंत्र समाप्त हो रहा है और इसकी रक्षा करने का दावा करने वाले अमेरिका और यूरोप चुपचाप देख रहे हैं.” राहुल ने कहा था, विपक्ष के तौर पर हम लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन यह अकेले भारत की जंग नहीं है. यह पूरे लोकतंत्र का एक संघर्ष है. राहुल के इसी बयान पर बीजेपी उनपर निशाना साध रही है. इससे पहले राहुल ने कैम्ब्रिज में कहा था कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. हम लोग एक निरंतर दबाव महसूस कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं पर केस किए जा रहे हैं. मेरे ऊपर कई केस किए गए. ऐसे मामलों में केस किए गए, जो बनते ही नहीं. हम अपना बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं. मीडिया और न्यायपालिका पर कब्जा हो गया है. दलित और अल्पसंख्यकों पर, आदिवासियों पर हमले हो रहे हैं.