नागपुर: राज्य के ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार राज्य में बिजली की मांग घटने से महानिर्मिति के कोराडी, खापरखेड़ा बिजली निर्माण प्रकल्प को तत्काल बंद किया गया है, इस क्रम में मौदा की एनटीपीसी के बिजली प्रकल्प को भी बंद किये जाने की खबर है, यहाँ की तीन यूनिट बंद की गई है.
सूत्रों की माने तो पहली बार राज्य का बिजली उत्पादन ३००० मेगावॉट नीचे आया है, इस वजह से बिजली उत्पादन पर तत्काल रोक लगा दी गई है. महाराष्ट्र वीज नियामक आयोग का “मेरिट ऑर्डर डिस्पॅच‘ के सन्दर्भ में कुछ नियम है, इसके अन्तर्गत सस्ते दामो में बिजली खरीदी करना बंधनकारक है. कोराडी के इकाई से बिजली निर्माण पर २.३६ पैसे खर्च आ रहे थे. यह महाराष्ट्र वीज नियामक आयोग के नियम के तहत देखने पर ६ पैसे अधिक खर्च हो रहे थे, इसलिए कोराडी का उत्पादन बंद किया गया.
इसके अलावा मौदा एनटीपीसी में बिजली निर्माण खर्च अधिक हो रही थी. एक तो मांग घटी, ऊपर से निजी बिजली उत्पादक कंपनी से महँगी होने के कारण बाजार में बिजली बेचना कठिन हो रहा था, जिसकी वजह से बिजली उत्पादन रोकी गई. मौदा की ३०० मेगावॉट की ३ इकाई बंद होने की जानकारी स्थानीय सूत्रों ने दी है.
उल्लेखनीय यह है कि राज्य की वर्तमान सरकार ने किसानों को रोजाना ८ के बजाय १२ घंटे बिजली देने का निर्णय लिया था. लेकिन इस निर्णय से महानिर्मिति प्रकल्प को कुछ खास फायदा नहीं हुआ. इस बार बारिश भी काफी हुई इसलिए कृषि पंप की उतनी जरुरत नहीं पड़ेगी. इस शनिवार से त्योहारों का सिलसिला शुरू होने जा है, इसके लिए उपयुक्त बिजली होने का दावा बारंबार कर रही है.
दरअसल सच्चाई कुछ और ही है कि भाजपा समर्थक निजी बिजली निर्माता की बिजली की खपत बढ़ाने के लिए उक्त स्वांग रची गई है.
– राजीव रंजन कुशवाहा