– कल भी कोटे के अनाज बेचा गया नियमित व्यापारी को,दर माह एवज में 50000 देता है
मौदा – स्थानीय तहसील अंतर्गत कोदामेढ़ी गांव हैं। इस गांव में एक राशन दुकान है,जिसका संचालन दुर्गा महिला बचत गट करती है। इन्होंने कल भी मौदा से कोटे राशन उठाया और नियमित व्यापारी को कुछ हिस्सा बेच दिया। जल्द ही यह व्यपारी बचत गट प्रमुख को 40 से 50 हज़ार रुपये देने वाला है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार उक्त बचत गट को जब से राशन दुकान आवंटन हुआ है,तब से उक्त गोरखधंधा शुरू है। जिसे तहसील के अन्न आपूर्ति अधिकारी शिंदे का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। क्योंकि इनके ही मार्गदर्शन ही हेराफेरी सह सरकारी अनाज की कालाबाज़ारी की जा रही है।
अध्यक्ष के खाते में सब्सिडी
केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गोर गरीब जनता को राशन दुकान मार्फत दर माह निशुल्क अनाज दिया जाता है। राशन दुकानों को इसके एवज में सब्सिडी दी जाती है। क्योंकि कोदामेढ़ी की दुर्गा महिला बचत को भी सक्षम बनाने के उद्देश्य से राशन दुकान आवंटित किया गया है। इसलिए इस बचत गट के बैंक खाते से आय व्यय होने का नियम है।इसके बावजूद दुर्गा बचत गट की अध्यक्ष ने शिंदे से सांठगांठ कर सब्सिडी की रकम अपने खाते में पिछले कुछ सालों से ट्रांसफर करवा रही। जो कि गैरकानूनी है। गट का लाभांश अध्यक्ष व संबंधित अधिकारी शिंदे आपस मे बंदरबांट कर रहे।
एमओडीआई फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश दयावान ने मुख्यमंत्री सह नागपुर के जिलाधिकारी से मांग की है कि शिंदे को निलंबित कर मामले की सूक्ष्म जांच की जाए। एवं दुर्गा महिला बचत की अध्यक्ष को बदल कर सब्सिडी की रकम की वसूली कर कानून कार्रवाई की जाए। समय रहते ठोस करवाई नही की गई तो जल्द ही इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।