– कभी फडणवीस ने शिवसेना नेताओं पर व्यक्तिगत हमला किया था
नागपुर -केंद्र सरकार अर्थात भाजपा और राज्य सरकार के मुखिया अर्थात शिवसेना के मध्य सतत चल रही नूरा-कुश्ती इन दिनों आम नागरिकों में गर्मागर्म चर्चा का विषय बना हुआ हैं.केंद्र की भरसक कोशिश के बावजूद राज्य सरकार तस से मस नहीं होने से केंद्र पस्त सा हो गया हैं.इस क्रम में शिवसेना प्रवक्ता का लगातार नागपुर दौरा के नाम पर नागपुर से प्रेम दिखाना महज दिखावा साबित हो रहा,यह संदेशा जा रहा कि शिवसेना को जैसे मुंबई के आसपास माणसे प्रमुख द्वारा परेशान करने की कोशिश की जा रही.उसी का जवाब देने के लिए शिवसेना ने खासमखास प्रवक्ता का नागपुर दौरा करवा रही.इनके दौरे से भाजपा-शिवसेना के कार्यकर्ता पशोपेश में हैं,क्या शिवसेना प्रवक्ता का लगातार दौरा भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को दिक्कत में लाने के लिए किया जा रहा .
याद रहे कि राज्य में महाआघाडी सरकार एनसीपी,शिवसेना और कांग्रेस ने मिलकर बनाई थी,जबकि जनमत भाजपा को राज्य की जनता ने दिया था.तब भाजपा की अड़ियल रवैये से क्षुब्ध होकर शिवसेना ने गठबंधन धर्म को त्याग कर एनसीपी सुप्रीमो के सलाह पर सत्ता हासिल की,सेना के कदम से सबसे ज्यादा भाजपा व्यथित हुई,क्यूंकि जनमत के बावजूद सत्ता से महरूम रहना पड़ रहा.
अब राज्य सरकार के कार्यकाल का 2 वर्ष लगभग पूरा हो चूका हैं,अर्थात अगले शेष वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर सकती हैं.यह भी कड़वा सत्य हैं कि राज्य सरकार का पूर्ण कंट्रोल एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का है,इसी पक्ष के पास प्रमुख विभागें भी हैं.
दूसरी ओर उद्धव ठाकरे के बारे में कहा जा रहा था कि वे अनुभवहीन होने के कारण राज्य का कारोबार कैसे संभालेंगे,लेकिन उन्होंने काफी नरम-गर्म रुख कर सफलतापूर्वक सरकार का संचलन कर रहे,जिससे न सिर्फ भाजपा बल्कि मनसे प्रमुख हैरान-परेशान हो गए और दोनों ने हाथ मिलकर शिवसेना को परेशान करने के लिए नाना प्रकार से हथकंडे अपना रहे.
उल्लेखनीय यह है कि शिवसेना भी भाजपा के प्रत्येक वॉर का मुस्तैदी से सामना करते हुए,वे भी भाजपा को अड़चन में लाने के लिए कोई भी मौका नहीं चूक रही.
यह भी सत्य है कि पिछले दिनों भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना नेताओं पर व्यक्तिगत हमला किया था,नतीजा शिवसेना प्रवक्ता एवं घाघ रणनीतिकार संजय राऊत को भाजपा नेताओं को सबक सिखाने के लिए बारम्बार नागपुर दौरा कर रही.
भाजपा-शिवसेना में ऐसे भी नेता मंडली है जो आज भी दोनों को एकसाथ देखना चाह रही,लेकिन भाजपा नेतृत्व राज्य में शिवसेना को ‘छोटा भाई’ के रूप में स्वीकार करने के लिए भरसक कोशिश कर रही,इनके इस प्रयास से शिवसेना की उग्रता काफी तीव्र होती जा रही.
संजय राऊत के नागपुर दौरे से भाजपा नेता या नेतृत्व भले ही परेशान हो जाये लेकिन शिवसेना का जिले में विस्तार और मजबूती आज भी बड़ा सवाल बना हुआ हैं.