नागपुर/कोराडी : विगत सप्ताह से लगातार बारिश के कारण कोराडी पावर प्लांट सहित महानिर्मिती के सभी थर्मल पावर स्टेशनों सामने धर्म संकट खडा हो गया है।गीले कोयला की वजह से भूमिगत कोलहैन्डलिंग बंकर तथा कन्वेयर बेल्ट सूट बारंबार जाम हो रहा है।कोल हैंडलिंग प्लांट दल दल में तब्दील हो गया है।उधर कोल बंकर तक कोयला पंहुचाने मे बारंबार तकनीकी अडचने आ रही है।
*हालांकि कोराडी पावर प्लांट के मुख्य अभियंता एवं महानिर्मिती के कार्यपालक निदेशक प्रकाश खंडारे के नेतृत्व में अभियंताओं की टीम इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए रात्र दिन अथक प्रयास शुरू है परंतु वर्तमान परिवेश मे महानिर्मिती के समक्ष आर्थिक संकट के चलते गीले कोयले को सुखाने की जापानी तकनीक यहाँ अभी भी विकसित नही की जा सकी है।इस संबंध मे ऊर्जा मंत्री डा नितिन राऊत चाहे तो महाराष्ट्र सरकार के समक्ष इस संबंध मे उचित पहल कर सकते है और संभवतः गीले कोयले की समस्या से निपटा जा सकता है। तत्संबंध मे कोराडी पावर प्लांट ही नही महानिर्मिती के चंद्रपुर सुपर पावर स्टेशन,परली वैजनाथ,नाशिक थर्मल पावर स्टेशन,पारस पावर हाऊस और भुशावल बिजली परियोजनाओं का भी हाल-बेहाल है। चलते कोल कन्वेयर वेल्ट मे कोयला से पत्थर छंटाई का कार्य भी बाधित हो रहा है।चलते कोलवेल्ट से काला कीचडयुक्त गंदा पानी नीचे जमीन पर भारी मात्रा में टपक रहा है।सी एच पी प्लांट में जिधर देखो उधर महीन कोल डस्ट का दल-दल गंभीर समस्या का कारण बना हुआ है। कोल हैंडलिंग प्लांट में कोयला का स्टाक भी मांगोनुरूप नही है।गीला कोयले के कारण कोल वेल्टर खराब होकर टूट रहे है।
उसी प्रकार बिजली से चलित कोल कन्वेयर वेल्ट मे भारी दबाव एवं तान पडने से हाईवोल्टेज विधुत मोटरें जल्द खराब होने तथा मोटर जलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।उक्त समस्या से निपटने के लिए महानिर्मिती के विधुत संचालक संचलन श्रीचंद्रकांत थोटवे की तरफ से लगातार दिशा निर्देश जारी है।सभी पावर प्लांट के मुख्य अभियंता गीले कोयले की समस्या से निपटने का प्रयास कर रहे हैं।
खापरखेडा प्लांट की स्थिति सामान्य
पावर स्टेशन के विशेषज्ञों की माने तो खापरखेडा थर्मल पावर स्टेशन की स्थिति सबसे बेहतर मानी जा रही है।यह पावर प्लांट के कुशल मुख्य अभियंता श्रीराजू घुगे की तो बात ही कुछ और है।भरी वारिस मे भी वे अभियंताओं की टीम के साथ प्लांट में नियंत्रण की दिशा मे प्रयासरत है। हालांकि बरसात का मौसम अपना असर दिखा रहा है।परंतु महाराष्ट्र के अन्य पावर स्टेशनों की तुलना में खापरखेडा प्लांट की स्थिति सबसे बेहतर मानी जा रही हैं।*
चंद्रपुर सुपर पावर प्लांट मे सूतो मलाई
महानिर्मिती के समक्ष सबसे अधिक और गंभीर समस्या चंद्रपुर सुपर पावर प्लांट के मुख्य अभियंता पंकज सपाटे के सामने नासूर बनी हुई है।बताते हैं कि मुख्य अभियंता श्री सपाटे स्थानीय चंद्रपुर के मूल निवासी होने के कारण सर्व प्रथम वे अपनी खेतीबाडी और अपने कालेजों के सर्वांगीण विकास की तरफ ध्यान देने मे मशगूल है। सौभाग्य से उन्हें राज्य महाराष्ट्र का सुपर पावर स्टेशन मे सेवा का अवसर मिला है।वे इस बड़ी विधुत परियोजना रूपी मलाई को खोना नहीं चाहते। कहते हैं कि यहां पर उन्हें बिना मांगे ही बडी बडी कंपनियां और सघन ठेकेदारों की तरफ से अच्छी-खासी कमीशन रूपी मलाई समेटने को मिल रही है। इस पावर प्लांट के अभियंताओं की माने तो काम अपना बनता और भांड मे गयी जनता की कहावत चरितार्थ हो रही है। काम कम और कमीशनखोरी पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।