मकर संक्रांति पर बिरसोला के वैनगंगा संगम घाट पर हादसा टला
गोेंदिया: मकर संक्रांति का पर्व यह आनंद और खुशियोें का त्यौहार है। इस त्यौहार पर हजारों श्रद्धालु आसपास के नदी तट पर पहुुंचकर शाही स्नान का लुफ्त उठाते है तथा कुछ युवा जोखिम उठाते हुए पहाड़ी के टीलों पर चढ़कर सेल्फी खींचने लगते है तथा कुछ उत्साही नदी के बीच तेज धारा में पहुंच जाते है, एैसी घटनाएं कई अवसरों पर जानलेवा साबित हो जाती है। वाक्या मकर संक्रांति पर दोपहर ३ बजे रजेगांव के वैनगंगा नदी तट पर संगम घाट पर घटित हुआ।
दोस्तों के साथ घर से पिकनिक मनाने निकले
दोस्तोंं के साथ घर से निकले कार्तिक रहांगडाले (रा. बघोली), कपिल देवधारी (रा. बाजारटोला), विशाल खैरवाल (रा. भाद्याटोला) यह नदी की गहराई में उतर गए, बहाव तेज होने की वजह से २० से २२ वर्ष आयु के यह तीनों युवक बहने लगे।
नदी तट के किनारे सुरक्षा की दृष्टि से मौजुद जिला आपदा व्यवस्थापन टीम तथा रावणवाड़ी थाना प्रभारी सचिन वांगड़े के नेतृत्व में मुस्तैद पो.हवा. खोब्रागडे, पुलिस नायक उईके, बोपचे, रहांगडाले, पुलिस सिपाही कराड़े, भांडारकर, जावेद पठान की ऩजर पानी में डूब रहे इन युवकों पर गई। पुलिस जवानों ने बिना समय गवाए जान की बाजी लगायी और पानी की गहराई में डूब रहे इन तीनों युवकों को रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बचा लिया। खुश किस्मत थे यह तीनों युवक कि इनकी जान बच गई वर्ना थोड़ी भी देर हो जाती तो पानी का तेज बहाव इन्हें बहा ले जाता।
विशेष उल्लेखनीय है कि, जिलाधिकारी डॉ. कादंबरी बलकवड़े के निर्देश पर जिला आपत्ति व्यवस्थापन तथा शोध व बचाव पथक की टीम बिरसोला के संगम घाट पर मौजुद थी, आपदा प्रबंध टीम के अधिकारी राजन चौबे के नेतृत्व में यह टीम बार-बार अनाउंसमेंट कर रही थी कि वैनगंगा के गहरे पानी में ना उतरे यह जोखिम भरा हो सकता है? बावजूद इसके उत्तेजनावश यह तीनों युवक पानी की गहराई में उतर गए, खुश किस्मती रही कि, रेस्क्यू ऑपरेशन से अनचाही घटना टाली जा सकी।