एमबीबीएस अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को भी इस सेवा में शामिल करें सरकार
नागपुर / गोंदिया: महाराष्ट्र, आज भारत में सर्वाधिक वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की चपेट में है। वर्तमान हालात में कोरोना के करीब 612 पोजिटिव्ह मामले सामने है वही अबतक 11 लोगो की मौत होने की पुष्टि है। इस महामारी से निपटने हर स्तर पर केंद्र व राज्य सरकार उपाय योजना के तहत कार्य कर रही है, फिर भी स्थिति संकट और दहशत के दौर से गुजर रही है। इस स्थिति से निपटने और नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ देने हेतु पूर्व राज्यमंत्री एवं विधानपरिषद सदस्य डॉ. परिणय फुके ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उपाययोजना के तहत कुछ मामलों पर ध्यानकेन्द्रित किया है।
डॉ. परिणय फुके ने अपने पत्र में लिखा कि, राज्य में कोरोना संकट का दौर चरम पर है। हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य यंत्रणा पर अत्यधिक तनाव उत्पन्न हो रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या कम होने से नागरिकों को इसका लाभ प्रयायी रूप से नही मिल पा रहा है। डॉ. फुके ने राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगो की बढ़ती संख्या और मौतों के आंकड़ों को देखते हुए तथा राज्य में कोरोना के चरण-2 से चरण-3 में जाने की गंभीर स्थिति की रोकथाम हेतु मार्च 2020 से दिसंबर 2020 तक सेवानिवृत्त होने वाले स्वास्थ्य अधिकारियों एवं नर्सिंग स्टाफ को 1 वर्ष के अथवा कोरोना के प्रभाव को कम होने तक के लिए आगे बढ़ाकर उनकी सेवा हेतु समयावधि बढ़ाने शासन निर्णय निगर्मित करने की मांग की है।
इसके साथ ही डॉ. फुके ने स्वास्थ्य विभाग पर बढ़ते तनाव को देखते हुए इसे कम करने हेतु शासन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को इस सेवा में लेने पर विचार करने की विनंती की है। स्वास्थ्य अधिकारी व नर्सिंग स्टाफ को पीपीआई (persons protection equipment kits) स्वयं सरंक्षण साधन देने हेतु आवश्यक निधि उपलब्ध कराने, इस कठिन परिस्थिति में स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दे रहे कर्मचारियों को सरकार स्वयं प्रोत्साहन पर वेतन बढ़ाकर उनका हौसला बढ़ाने एव हाई रिस्क पर काम करने पर जीवन बीमा कराने हेतु सकारात्मक कदम उठाने की मांग की है।
रवि आर्य