– सम्बंधित अधिकारी शिंदे से मिलीभगत कर बचत गट संचालक दर माह करते है हेराफेरी
कोदामेंढ़ी – राज्य शासन के नियमानुसार महिला बचट गट को सक्षम बनाने के उद्देश्य से सरकार ने सक्षम बचत गटों को राशन दुकानें आवंटन की थी.इस क्रम में नागपुर जिले में कोदामेंढ़ी सह अनेक महिला बचत गट राशन दुकान संचलन के लिए दिए थे.लेकिन कोदामेंढ़ी की बचत गट इन दिनों काफी चर्चा में हैं.जिले के अन्न व आपूर्ति विभाग के सम्बंधित अधिकारी शिंदे से सांठगांठ कर उक्त बचत गट दर माह बड़ी धांधली कर रहे हैं.
कामठी विधानसभा अंतर्गत आने वाली कोदामेंढ़ी गांव में एक महिला बचत गट को सरकारी नियमानुसार राशन दुकान संचलन के लिए दिया गया था,जिसके प्रमुख गट के अन्य सदस्यों को दरकिनार कर एकतरफा संचलन कर रही है,इसके एवज में अन्य सदस्यों को माहवारी तय मुनाफा देकर उनका समर्थन ली हुई है,हकीकत में राशन दुकान का संचलन सह हेराफेरी गट प्रमुख और उसके परिजन कर रहे हैं.इस सम्बन्ध में स्थानीय विधायक से उनकी शिकायत की गई तो उन्होंने सिरे से नज़रअंदाज किया।
शिंदे के करीबी सूत्रों के अनुसार शिंदे के सह पर उक्त बचत गट संचालक मंडल प्रत्येक माह में आवंटित राशन में से आधा की कालाबाज़ारी करते हुए किसी परिचित व्यापारी को पिछले कुछ वर्षो से नियमित बेच रहे हैं.इससे होने वाला लाभ का बड़ा हिस्सा गट के सदस्य और शिंदे में नियमित वितरित हो रहा.
उक्त कालाबाज़ारी को छुपाने के लिए उक्त राशन दुकान के कार्डधारकों के नाम पर हेराफेरी की जा रही हैं.प्रत्येक कार्डधारक का प्रत्येक माह का राशन का कोटा तय है,लेकिन चुनिंदा कार्डधारकों को ही नियमित चुनिंदा अनाज दिया जाता हैं.शेष के नाम पर हेराफेरी वर्षो से चली आ रही हैं.
कार्डधारको से सम्बंधित मशीन पर अंगूठा लगाने का जिम्मा बचत गट के संचालक ने अपने परिजन के नाम कर रखा है,जिससे हेराफेरी आसान हो गई हैं.जबकि सरकार में महिला बचत गट के उत्थान के लिए उन्हें राशन दुकान आवंटित किया था.इस हिसाब से बचत गट के सदस्यों में से किसी एक को मशीन ऑपरेट करने का अधिकार होना चाहिए था,बताया जाता है कि पहले बचत गट की महिला सदस्य ही उक्त जिम्मेदारी निभाया करती थी.जब से शिंदे ने क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाली तब से उक्त धांधलियां पूर्ण शबाब पर हैं.
गत माह रामटेक के विधायक अधिवक्ता आशीष जैस्वाल ने शिंदे की अन्य राशन दुकान की धांधली पर फटकार लगाई थी,लेकिन शिंदे के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया.
उल्लेखनीय यह है कि उक्त बचत गट को जब से राशन दुकान आवंटित किया गे है तब से उसके मासिक हिसाब किताब में हेराफेरी हो रही हैं,प्रत्येक माह राशन की खुलेआम कालाबाज़ारी को कागजों पर लीपापोती की जा रही हैं ,जिसे खुलेआम संरक्षण सम्बंधित विभाग के अधिकारी शिंदे दे रहे हैं.
एमओडीआई फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश दयावान जल्द ही इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को वर्षाकालीन अधिवेशन के दौरान एक निवेदन सौंप शिंदे को बर्खास्त,बचत गट के दस्तावेजों की जाँच,गट प्रमुख को हटाने,मशीन ऑपरेशन बचत गट की अन्य सदस्य को देने की मांग करेगा। गर समय रखते सरकार ने उक्त मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो फाउंडेशन उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कोदामेंढ़ी के आम नागरिकों के हित में गुहार लगाएगा।इससे होने वाली नुकसान के जिम्मेदार राज्य सरकार की होगी।इस सम्बन्ध में एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी से भी अगले सप्ताह मुलाकात कर उक्त घटना से उनको रु-ब-रु करवाएगा।