नागपुर: आरटीई के तहत जिले की 657 स्कूलों के लगभग 45 करोड़ से ज्यादा की निधि राज्य सरकार को स्कूलों को देना है. निधि नहीं मिलने की वजह से स्कूल संचालकों ने विरोध में आरटीई के तहत स्कूल का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था. जिसके बाद राज्य सरकार से 11 करोड़ 92 लाख रुपए नागपुर जिले की स्कूलों के लिए मंजूर किए गए जो करीब एक हफ्ते में सभी आरटीई के अंतर्गत आनेवाली स्कूलों में वितरित किए जाएंगे.
24 जनवरी तक स्कूलों को शिक्षा विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना था. रजिस्ट्रेशन की तारीख भी अब बढ़ा दी गई है. अब 30 जनवरी तक स्कूल संचालक रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षणाधिकारी दीपेंद्र लोखंडे ने बताया कि अब तक 636 स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है और अभी केवल 22 स्कूल ही बची हुई हैं, उनका भी आज रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. उन्होंने बताया कि हफ्ते भर में स्कूलों को उनके पैसे मिलेंगे.
मिस्टा ( महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल ट्रस्टीज एसोसिएशन ) के सचिव कपिल उमाले ने कहा निधि मंजूर होने की घोषणा हुई है. लेकिन स्कूलों तक पहुंचने में इसे तीन से चार महीने का समय लगता है. शिक्षा विभाग ने जिन स्कूलों का रजिस्ट्रेशन करवाया है. उनके पिछले वर्ष के रजिस्ट्रेशन पर ही कराया है. राज्य सरकार अगर निधि देना शुरू करती है तो स्कूल संचालकों को मंजूर था. उन्होंने बताया कि नागपुर जिले में 45 करोड़ से ज्यादा की निधि स्कूल की बकाया है. जो इस वर्ष और बढ़ेगी.