Published On : Thu, May 18th, 2023

मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से एक वर्ष में बांटे गए 5 करोड़ रुपए

* देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले के निवासियों को मिला लाभ
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नागपुर: किसी योजना को क्रियान्वित करने के लिए सुनियोजित प्रयास बहुतों के जीवन में उम्मीद ला सकता है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके द्वारा शुरू की गई सार्वजनिक लाभ मुख्यमंत्री सहायता कोष वितरण पहल को नागपुर जिले में बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली है। यद्यपि वे इस कार्य में अत्यधिक व्यस्त रहते थे, किन्तु उनके व्यक्तिगत ध्यान के कारण सत्ता हस्तांतरण के पूर्व ढाई वर्ष में मरीजों को 22 लाख रुपए प्रति माह मिलते थे, अब यह राशि बढ़कर 54 लाख रुपए प्रति माह हो गई है। देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद शुरू की गई कई महत्वाकांक्षी पहलों में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष की स्थापना गरीब, निराश्रित और असहाय लोगों की मदद के लिए प्रमुख पहल है।

इस एक गतिविधि ने मुंबई मंत्रालय की छठी मंजिल पर गांवों से आम नागरिकों की भागीदारी बढ़ाई। हृदय रोग, मस्तिष्क रोग, नवजात रोग, गुर्दा प्रत्यारोपण, यकृत प्रत्यारोपण, कैंसर, दुर्घटना, कर्णावत प्रत्यारोपण, डायलिसिस, हृदय प्रत्यारोपण, सीवीई, अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण, गुर्दा प्रत्यारोपण, घुटना प्रत्यारोपण, जला रोगी, विद्युत दुर्घटना के लिए मुख्यमंत्री सहायता निधि योजना मरीजों, लिगामेंट्स अन्य गंभीर बीमारियों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक सहायता दी जाती है। मुंबई के बाद नागपुर में हैदराबाद हाउस स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री राहत कोष कक्ष बनाया गया है। दिसंबर 2019 से जून 2022 तक ढाई वर्ष की अवधि में यहां छह करोड़ 41 लाख 94 हजार 500 रुपए की राशि का वितरण किया गया। सत्ता परिवर्तन के बाद जुलाई 2022 से 31 मार्च 2023 तक 4 करोड़ 92 लाख 61 हजार की धनराशि का वितरण किया जा चुका है। पिछले ढाई साल में 1614 आवेदन मंजूर किए गए, जबकि महज 9 महीने में 714 आवेदन स्वीकृत किए गए। उपमुख्यमंत्री का पद संभालने के एक साल में जिले के नागरिकों को इस योजना के माध्यम से पिछले ढाई साल की तुलना में 5 करोड़ से अधिक की मदद की जा चुकी है। यह सहायता पहले 22 लाख प्रति माह थी। अब यह 54 लाख प्रति माह है।

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चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के लिए कार्यालयीन समय में प्रात: 10 बजे से 5.45 बजे के बीच साधारण आवेदन पत्र यहाँ भरा जा सकता है। 1 लाख 80 हजार रुपए से कम आय वाला परिवार इस योजना का लाभ उठा सकता है। नागपुर के इस कक्ष की ओर ध्यान देने के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डाॅ. रवि चव्हाण को सदस्य सचिव बनाया गया है। एक साधारण आवेदन पत्र पर की गई मांग की जांच तीन सदस्यीय टीम करती है। इसमें डॉ. चव्हाण सहित उप निदेशक स्वास्थ्य व जिला सर्जन शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सुझाव दिया है कि नागरिकों को इस योजना का लाभ और आसानी से प्राप्त करने के लिए ई-मेल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करना चाहिए। आवेदन के साथ चिकित्सा निदान प्रमाण पत्र, अस्पताल का बिल, आधार कार्ड या राशन कार्ड की आवश्यकता होती है। इस दस्तावेज को cmrfnagpur@gmail.com पर भेजकर आवेदन जमा किया जाता है।

इस स्थान का टेलीफोन नंबर (0712) – 2560592 है और कार्यालय समय के दौरान आवेदन के संबंध में मार्गदर्शन भी दिया जाता है। इस योजना में स्वीकृत प्रकरणों का पैसा सीधे अस्पताल के खाते में जमा किया जाता है। यह मदद इलाज के दौरान ही मिलती है। यह सहायता छुट्टी के बाद या प्रवेश से पहले उपलब्ध नहीं है। मदद तभी मिलती है जब मरीज अस्पताल में हो। इस योजना को और अधिक लोकप्रिय बनाने और जमीनी स्तर तक पहुंचने के लिए इस योजना की आसानी महत्वपूर्ण हो गई है। चिकित्सा सहायता के लिए उपमुख्यमंत्री के निवास देवगिरी में भी विशेष सहायता प्रदान की जाती है। साथ ही कई बीमारियां पहले इस मदद से कवर नहीं होती थीं। लेकिन खुद उपमुख्यमंत्री ने ध्यान रखा है और बर्न केस, कमर, कूल्हे, घुटना, ट्रांसप्लांट जैसी कई बीमारियों को शामिल किया है। इसलिए इससे काफी लोग लाभान्वित हो रहे हैं और सदस्य सचिव डॉ. रवि चव्हाण ने अपील की है कि इस योजना का अधिक से अधिक लाभ नागरिकों को मिलना चाहिए।