वृंदावन: राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) से जुड़ी संस्थाओं ने मोदी सरकार की नीतियों पर जबरदस्त हमला किया। शनिवार (2 सितंबर) को उत्तर प्रदेश के वृंदावन में आयोजित की गई इस बैठक के दौरान कृषि संकट और बढ़ती बेरोजगारी पर गहरी चिंता जताई गई। राष्ट्रीय समन्वय बैठक के दूसरे दिन संघ से जुड़े सीनियर नेताओं ने कहा कि उनके स्वंयसेवक गांवों में घूमते हैं, चौपाल लगाकर लोगों की परेशानी सुनते हैं, खासकर किसानों की परेशानी पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। संघ के एक सीनियर नेता ने इस बैठक के बारे में बात करते हुए कहा कि उनके पास कृषि संकट, सूखे, फसलों के बेकार दाम से जुड़ी एक गहरी रिपोर्ट है।
इस कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ (BMS) और भारतीय किसान संघ (BKS) भी शामिल थे। स्वदेशी जागरण मंच ने नीति आयोग की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वे निर्धनों के लिए ठीक नहीं थीं। मंच ने कहा कि चीन से सस्ता माल आने की वजह से भी लोगों को नुकसान हुआ। उन्होंने चीनी सामान का बहिष्कार करने के लिए कहा था। मंच ने कहा कि नवंबर में एक रैली रखी जाएगी। इस रैली में मजदूरों को हो रही परेशानी और उनकी मांगों को उठाया जाएगा। स्वंयसेवक बैठक साल में दो बार होती है। इसमें RSS से जुड़ी 40 संगठन शामिल होते हैं।
इस बार मीटिंग में संघ संचालक मोहन भागवत, संघ कार्यवाहक भय्याजी जोशी, दत्तात्रेय होशबोले, सुरेश सोनी, कृष्ण गोपाल और कई सीनियर नेता शामिल हुए थे। पहले दिन देश आंतरिक सुरक्षा पर चर्चा हुई थी। जिसमें जम्मू कश्मीर, केरल और बंगाल राज्यों की चर्चा हुई । बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। योगी आदित्य नाथ, केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी वहां गए थे।
सीनियर बीजेपी नेता भी वहां होते लेकिन कैबिनेट बदलाव को लेकर हो रही हलचल की वजह से उनका जाना कैंसल हो गया।