Published On : Mon, Nov 5th, 2018

संघ करेगा स्वयंसेवकों का सर्वे

सर्वे में रूचि जानने के बाद सौंपी जायेगी समाज कार्य की जिम्मेदारी

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नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वयंसेवकों की रूचि को जानने के लिए सर्वे करेगा। संघ के भीतर किसी तरह के सर्वे होने की यह पहली घटना होगी। इस सर्वे का मक़सद संघ से जुड़े स्वयसेवकों की रूचि को जानना है। इस सर्वे के अंतर्गत कयास है की संघ की विभिन्न शाखाओं में आने वाले लोगों या युवकों से एक फॉर्म भरवाया जायेगा। इसमें उनकी निजी जानकारी होने के साथ उनके कार्यक्षेत्र और रूचि की जानकारी हासिल की जायेगी। मुंबई में हालही में हुई संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में सरकार्यवाह डॉ मनमोहन वैद्य ने इस तरह का सर्वे कराये जाने की जानकारी दी थी।

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आरएसएस के कार्यक्रमों में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा और कार्यकारी मंडल की बैठक सबसे अहम होती है। इन्ही कार्यक्रमों में संघ द्वारा भविष्य में किये जाने वाले कामों का प्रारूप तैयार होता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जायेगा। बीते कुछ वक्त में संघ से जुड़ने वाले लोगों की तादात में काफ़ी वृद्धि हुई है। संघ से जुड़े एक व्यक्ति के अनुसार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर संघ से 50 लाख से अधिक लोग जुड़े हुए है। संघ ऐसे लोगो को भी स्वयंसेवक मनाता है जो उसके विचार से मेल खाते है। इस सर्वे का मकसद लोगों की रूचि को जानना है।

जिसके अनुसार विभिन्न संघ कार्यों में उपयुक्त मानव संसाधन का इस्तेमाल करना है। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में संघ द्वारा कई सामाजिक कार्य किये जाते है। इन कार्यों को अधिक प्रभावी बनाने के लिए यह सर्वे कराया जा सकता है। सर्वे में आयी जानकारी के आधार पर स्वयंसेवकों को उनकी रूचि के अनुसार समाज कार्य में लगाया जायेगा।

संघ का प्रयास समाज कार्य में समाज की प्रभावी सहभागिता हो
संघ के विदर्भ प्रांत प्रचार प्रमुख अनिल सांबरे के मुताबिक कार्यकारी मंडल की बैठक में यह फ़ैसला लिया गया है। जल्द ही इस विषय के क्रियान्वयन को लेकर चर्चा कर उसका प्रारूप तैयार किया जायेगा। और एक वर्ष के भीतर यह कार्य पूरा भी कर लिया जायेगा। इस कार्य का मकसद कार्य को प्रभावी रूप देना है। हर क्षेत्र में देश भर में रिजल्ट देने वाले कार्यो की आवश्यकता है।

अगर सक्षम,समझदार,विषय के जानकर लोग अपनी रूचि के हिसाब से काम करेंगे तो काम का रिजल्ट भी अच्छा प्राप्त होगा। इसका एक मकसद यह भी है कि समाज कार्य में समाज की सहभागिता बढ़ानी है। उदहारण के लिए विदर्भ में अगर जल स्तर बढ़ाने को लेकर काम करने की आवश्यकता है। तो संघ के पास मौजूद देता के आधार पर सक्षम युवा या व्यक्ति को उस कार्य में लगाया जायेगा।

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