रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लिहाजा सूबे के सभी सियासी दल चुनाव की तैयारी में लगे हैं, लेकिन बीजेपी के साथ आरएसएस ने भी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। संघ के नेताओं को काम करने की गाइड लाइन दी जा रही है। बीजेपी-संघ बनाम विपक्षी दल का इलेक्शन मोड बनता दिख रहा है।
संघ का कहना है कि इस बार के चुनाव में राष्ट्रवाद अहम मुद्दा होगा। एक तरफ बीजेपी-संघ तो दूसरी ओर पूरा विपक्ष होगा। संघ प्रमुख मोहन भागवत इन्हीं मुद्दों को लेकर 19-20 को राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं। पत्थलगड़ी के रुप में झारखंड से लेकर छत्तीसगढ़ तक के जनजाति समूहों में बढ़ रही नाराजगी से आरएसएस भी चिंतित है। इस नाराजगी का कारण जानने और चुनावों से पहले इसे शांत करने पर रणनीति तैयार की जा सकती है।
बता दें कि आदिवासी वर्ग की राज्य में 29 सीटे आरक्षित हैं। संघ के अनुषांगिक संगठन वनवासी कल्याण आश्रम ने 19 और 20 जून को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया है। संगोष्ठी में जनजाति समाज की अस्मिता और उनके विकास से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार किया जाएगा।
दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदेवराव उरांव, मोहन भागवत, आदिवासी समुदाय के सेवानिवृत्त अधिकारी, शिक्षक, वकील, वरिष्ठ राजनेता, सामाजिक नेता भाग लेंगे। इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि इसमें पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर पूरे देश के 100 से अधिक जनजाति नेताओं और जनजाति के क्षेत्र में काम करने वाले दूसरे प्रबुद्ध लोगों को न्यौता भेजा गया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत रायपुर पहुंच रहे हैं और जनजाति वर्ग से सीधे बातचीत करेंगे।