नागपुर. शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन जमा करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है. जिले के कुल 663 स्कूलों में 6,193 सीटें उपलब्ध हैं. इन सीटों के लिए पांच गुना से अधिक 31,518 आवेदन प्राप्त हुए. यही वजह है कि इस बार प्रवेश हेतु तगड़ी स्पर्धा देखने को मिलेगी.
राज्य की 9,088 स्कूलों में 1,02,022 आरटीई सीटों के लिए 2,85,275 आवेदन आरटीई के पोर्टल पर अपलोड किये गये हैं. हर वर्ष आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन अब भी देखने में आ रहा है कि जरूरतमंद पालकों को अवसर नहीं मिल रहा है. नियम सख्त होने के बाद भी कई पालक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश पाने में सफल हो रहे हैं. यही वजह है कि इस बार वेरिफिकेशन कमेटी ने हर आवेदन का योग्य तरीके से जांच कराने का निर्णय लिया है.
दस्तावेज बनाने में जुटे पालक
अधिकांश नामी स्कूल ग्रामीण भागों में हैं. इन स्कूलों में प्रवेश लेने के लिए कई पालक ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने का दाखिला बनवा रहे हैं. सरपंचों से सेटिंग लगाकर प्रमाणपत्र तैयार किये जा रहे हैं. वहीं परिसर में रहने का किराया पत्र भी बनाया जा रहा है. इससे पहले भी इस तरह की शिकायतें मिली हैं जिनकी जांच चल रही है. आरटीई प्रवेश के लिए सरपंचों के प्रमाणपत्र को वैध नहीं मानने की जानकारी है. इस संबंध में शिक्षा विभाग भी सख्ती नहीं बरत रहा है. नतीजा यह हो रहा है कि जरूरतमंद छात्रों के अधिकारों पर साधन-संपन्न हाथ मार रहे हैं.