नागपुर: राज्य सरकार की ओर से आरटीई (शिक्षा का अधिकार ) कानून के अन्तर्गत निजी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को निधि नहीं मिलने की वजह से राज्य के सभी स्कूल संचालकों ने अगले वर्ष से आरटीई के तहत विद्यार्थियों को एडमिशन न देने का निर्णय लिया है. जिसके कारण आरटीई के तहत पढ़नेवाले गरीब विद्यार्थियों को शिक्षा के अधिकार से वंचित रहना पड़ सकता है. महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल ट्रस्टीज एसोसिएशन ( मिस्ता ) के अध्यक्ष संजय पाटिल ने जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षणाधिकारी के पास करीब 40 लाख रुपए आए हैं. जिनसे केवल 200 विद्यार्थियों को ही लाभ मिल पाएगा. जबकि शहर में आरटीई के तहत एडमिशन हजारों में है.
इस योजना में केंद्र सरकार 66 प्रतिशत निधि देती है तो वहीं राज्य सरकार 34 प्रतिशत निधि स्कूलों को देती है. लेकिन स्कूलों को दी जानेवाली निधि डायवर्ट कर दूसरी योजनाओं के नाम कर दी गई. उन्होंने बताया कि 2012 से लेकर अब तक राज्य भर की स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा 450 करोड़ रुपए देने हैं. इस वर्ष यदि आरटीई के तहत एडमिशन दिया गया तो यह आकड़ा और बढ़ेगा. उन्होंने बताया कि अब तक पूरा पैसा सरकार की ओर से नहीं दिया गया है. 5 लाख, 10 लाख ऐसे करके पैसे दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य की 35 हजार इंग्लिश मीडियम स्कूलों में करीब 20 हजार स्कूल आरटीई के तहत रेजिस्टर्ड है.
पाटिल ने बताया कि पहली से लेकर आठवीं तक एक बच्चे की शिक्षा के लिए करीब 1 लाख 48 हजार रुपए का खर्च आता है. सरकार योजना के तहत साल का एक विद्यार्थी के लिए 18 हजार रुपए देती है. लेकिन वह भी समय पर नहीं दिए जाऐ हैं. पाटिल ने कहा की सभी स्कूलों को मीटिंग करने के बारे में जानकारी दी गई है. इस बार अगर निधि नहीं आई तो हम किसी के भी दबाव में नहीं आएंगे और एडमिशन नहीं देंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हर बार जब केंद्र सरकार राज्य सरकार को निधि भेजती है तो उसे यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट केंद्र सरकार को भेजना होता है. लेकिन राज्य सरकार ने स्कूलों को पूरा पैसा नहीं दिया है. जिसके कारण राज्य सरकार केंद्र सरकार को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं भेज पाई है और इसी कारण केंद्र से निधि आने में देरी होती है.
इस बारे में प्राथमिक शिक्षणाधिकारी दीपेंद्र लोखंडे ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से 44 लाख रुपए आए थे. थोड़े थोड़े प्रमाण में शहर की 621 स्कूलों को यह निधि दी गई है. जैसे भी राज्य सरकार द्वारा निधि भेजी जाएगी उसे स्कूलों को दिया जाएगा.
तो वहीं इस बारे में आरटीई एक्शन कमिटी के अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद शरीफ ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से स्कूलों को निधि नहीं देने की वजह से सीधे तौर पर नुकसान बच्चों का ही होनेवाला है. आरटीई के तहत जो सीटें खाली हैं, उससे भी स्कूलों का नुकसान हो रहा है. राज्य सरकार को स्कूलों को पैसे देने के लिए उपाययोजना करनी चाहिए.