Published On : Fri, Nov 30th, 2018

”कमाओ और पढ़ो ” योजना : रु. 150 की दिहाड़ी में काम करने को मजबूर विद्यार्थी

नागपुर यूनिवर्सिटी से मानधन बढ़ाने के लिए कई बार कर चुके है मांग

नागपुर: नागपुर यूनिवर्सिटी की ओर से ” कमाओ और पढ़ो ” योजना में इस बार करीब 200 विद्यार्थियों का चयन हुआ है. नागपुर यूनिवर्सिटी ने इस योजना के अंतर्गत अपनी दूसरी लिस्ट में 20 विद्यार्थियों को और शामिल किया है. लेकिन कई वर्षो से विद्यार्थियों की मांग थी कि उन्हें जो मानधन दिया जाता है वह 50 रुपए प्रति घंटा है. इस हिसाब से 3 घंटे रोजाना काम करने पर उन्हें 150 रुपए मिलता है. जो की काफी कम है. उसे बढ़ाने की मांग विद्यार्थी कई वर्षो से कर रहे है. लेकिन उनको इस साल भी उतने ही पैसो में काम करना होगा. दूसरी मांग विद्यार्थियों ने की थी कि जितने आवेदन आए है उन सभी को काम दिया जाए.

Gold Rate
Saturday 22 Feb. 2025
Gold 24 KT 86,600 /-
Gold 22 KT 80,500 /-
Silver / Kg 97,200 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

लेकिन नागपुर यूनिवर्सिटी के पास कुल मिलाकर इस बार 265 आवेदन आए थे. लेकिन उनमे से केवल 200 लोगों को ही इस योजना में शामिल किया गया था.जबकि 65 विद्यार्थियों को काम नहीं दिया गया. जिन विद्यार्थियों की दूसरी लिस्ट इसी महीने लगी हुई है. ऐसे विद्यार्थियों को काम करने का मौका केवल 5 महीने ही मिलेगा क्योकि अप्रैल महीने में सत्र ख़त्म होने के बाद उनका काम बंद हो जाता है. विद्यार्थियों को इस योजना के तहत दो- दो महीनों में सैलरी दी जाती थी. जिसका भी विद्यार्थियों ने पहले विरोध किया था. लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी दावा कर रही है कि विद्यार्थियों को महीने के महीने सैलरी दी जा रही है.

सितम्बर 11 से काम की शुरुआत की गई है. अप्रैल की 30 तारीख तक विद्यार्थियों को इस योजना के तहत रोजगार मिलेगा . इस योजना के तहत नागपुर यूनिवर्सिटी के विभिन्न संकायों में पढ़नेवाले विद्यार्थी छह महीने तक नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त विभाग में काम करते हैं. इस बार इस योजना के तहत आवेदन करने की शुरुआत 13 अगस्त से की गई थी. विद्यार्थियों ने मांग कि थी कि पुणे में जिस प्रकार से ” कमाओ और पढ़ो ” योजना चल रही है. उसी की तर्ज पर उन्हें यहां काम दिया जाए. लेकिन विद्यार्थियों की मांग पूरी नहीं हो सकी.

इस बारे में नागपुर यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी विकास विभाग के संचालक दिलीप कवडकर का कहना है कि 200 विद्यार्थियों को इस बार काम करने का मौका दिया गया है. उन्हें जो पहले 50 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से पैसा मिलता था. वह उतना ही है उसमे कोई भी बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. हालांकि उन्होंने यह भी जानकारी दी की अब विद्यार्थियों को महीने के महीने बराबर सैलरी दी जा रही है.

Advertisement