नागपुर: विधानसभा में बुधवार को कांग्रेसी विधायकों ने मुस्लिमों को भी आरक्षण देने की मांग को लेकर हंगामा खड़ा किया़ सदन में विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को हस्तक्षेप करना पड़ा़ बावजूद इसके संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने की वजह से कांग्रेस के कुछ विधायकों ने सदन से बहिगर्मन किया़.
विपक्ष हुआ आक्रामक
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर जैसे ही सत्तापक्ष की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत विधायक आशीष शेलार ने शुरू की तो विपक्षी सदस्यों ने आक्रामक तरीके से मराठा आरक्षण के साथ-साथ मुस्लिम आरक्षण को भी शामिल करने की मांग की़ कांग्रेस के विधायक नसीम खान ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में मराठाओं के साथ मुस्लिमों कों भी शिक्षा के लिए आरक्षण देने की सिफारिश की गई थी़ इस पर न्यायालय ने भी अपनी मुहर लगाई थी़ इसलिए मराठा आरक्षण पर हो रही चर्चा में मुस्लिमो के आरक्षण को भी शामिल किया जाए. कांग्रेस के अन्य विधायकों ने भी इस मांग का समर्थन किया़ राकां नेता अजीत पवार ने भी मुस्लिम आरक्षण का समर्थन किया़.
हुई नोकझोंक
अचानक दोनों ओर के विधायकों में नोकझोंक आरंभ हो गई थी़ इस पर शिक्षा मंत्री विनादे तावड़े ने कहा कि प्रस्ताव सत्तापक्ष का है़ विपक्ष का प्रस्ताव कल है, उसमें इस बात का उल्लेख किया जा सकता है़ इस मुद्दे में जबरन मुस्लिम विवाद को ना घसीटा जाए़ इस जवाब से कांग्रेसी विधायक संतुष्ट नहीं हुए़ विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उनको जब बोलने का मौका मिलेगा तो वे अपने विचार रख सकते हैं. दोनो ओर से विवाद और बढ़ता देख मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति मत करो़ पहले इस मुद्दे को क्यों नहीं लाया गया़ सत्तापक्ष के प्रस्ताव पर चर्चा होने दो़ उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष मराठा आरक्षण जैसे मुद्दे पर चर्चा नहीं कराना चाहता़ उन्होंने जोर देकर विपक्षी सदस्यों को इस विषय पर चर्चा के लिए अलग से नोटिस देने की सलाह दी़ इसके बाद सदन में मराठा आरक्षण पर चर्चा आरंभ हो सकी़ बहिर्गमन करने वाले विधायकों में नसीम खान, सुनील केदार, यशोमति ठाकुर, अनिल पटेल आदि का समावेश था़.
– राजीव रंजन कुशवाहा