पोस्टमार्टम के लिए वसूले जाते है 2 से 3 हजार
भद्रावती (चंद्रपुर)। भद्रावती के ग्रामीण अस्पताल में नवनिर्मित शव विच्छेदन गृह की हालत सलाईन पर शुरू है. यहां जगह-जगह अस्वच्छता फैली है. दुर्गंधी से वहां रुकना संभव नही है. शासन ने नियुक्त किया कर्मचारी गजानन खडसे खुद शव विच्छेदन नही करता. ठेकेदार द्वारा नियुक्त किया उसका ही बेटा भूषण खडसे 2000 से 3000 रु. लेकर पोस्टमार्टम करता है. पैसे नही दिए तो पोस्टमार्टम के लिए तैयार नही होता. मज़बूरी में लोगों को पैसे देकर काम करना पड़ता है. इसका फायदा उठाकर लोगों को लूटने का काम किया जा रहा है. पैसे देकर ही पोस्टमार्टम करना है तो सरकारी कर्मचारी की क्या जरुरत है? उसे तुरंत निलंबित करने की मांग जोर पकड़ रही है.
इसी प्रकार ग्रामीण अस्पताल की ओ.पी.डी. सुबह 8 बजे से शुरू होनी चाहिए. लेकिन 9.30 बजने के बावजूद शुरू नहीं होती, जिससे मरीजों को लंबी कतारे लगानी पड़ती है. शाम की ओ.पी.डी. 4 बजे खुलने के बजाय 4.30 बजे शुरू होती है. ओ.पी.डी. की जिम्मेदारी ज्यु. क्लर्क की होकर भी उसे कक्ष सेविका संभालती है. ख़ास बात है कि कक्ष सेविका ग्रामीण अस्पताल के पीछे बने क्वाटर में रहती है. फिर भी सुबह एक से डेढ़ घंटा देर से ओ.पी.डी. खोली जाती है. ग्रामीण अस्पताल में चल रहे इस गैरप्रकार की ओर मुख्य डाक्टरों का ध्यान नही जाता? या यह सब बाते पता होनेपर भी मुख्य डाक्टर इसकी ओर ध्यान नही दे रहे? ऐसा प्रश्न निर्माण हो रहा है. इस गैरप्रकार में मुख्य डाक्टर का भी हिस्सा है इस पर ध्यान देने की मांग भद्रावती वासियों ने की है.