नागपुर : आज के युग में लौकिक शिक्षा के साथ आध्यात्मिक शिक्षा रहना आवश्यक हैं. हम जिस धर्म में जन्में हैं उसकी पूजा पद्धति कैसी हैं, मंदिर में जाने के बाद भगवान को प्रणाम कैसे करें, मंदिर कैसे बैठे प्राथमिक जानकारी जरूरी हैं. ग्रेट नाग रोड महावीरनगर स्थित श्री. सैतवाल जैन संगठन मंडल ने यह कदम उठाया हैं. श्री. सैतवाल जैन संगठन मंडल के अंतर्गत श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर हैं.
मंडल के अध्यक्ष चंद्रकांत वेखंडे के मार्गदर्शन में बच्चों को अभिषेक, पूजन की विधि, कैसे अभिषेक करें धार्मिक ज्ञान सप्ताह में एक दिन प्रति रविवार को सुबह सिखाया जाता हैं. पं. अजित कहाते, विजय सोइतकर, प्रदीप काटोलकर बच्चों को सुसंस्कारित करने के लिए प्रयासरत हैं. रविवार की सुबह बच्चों के मंदिर में परिसर करने के प्रवेश के बाद उन्हें जल से हाथ, पांव धोना, मुख शुद्धि के बाद शुद्ध वस्त्र पहनाने के लिए प्रेरित करते हैं.
बालकों को धोती पहनना सिखाया जाता हैं. अभिषेक विधि, शुद्ध मंत्रोच्चार, भगवान की प्रतिमा को कैसे स्थापित करना, अभिषेक करते वक्त कलश को कैसे पकड़ना, भगवान के प्रतिमा के ऊपर जलधारा, पंचामृत अभिषेक, शांतिमंत्र पूरी तन्मयता कैसे करना इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं. पूजन कैसे करना, चावल के पुंज भगवान की प्रतिमा के समक्ष कैसे रखना आदि क्रियाओं से बच्चों को शिक्षित किया जा रहा हैं. पूरी प्रक्रिया संपन्न होने के बाद उनके नाश्ते का प्रबंध मंडल द्वारा किया हैं. इस आध्यात्मिक प्रशिक्षण की सर्वत्र सराहना की जा रही हैं.
अखिल दिगंबर जैन सैतवाल संस्था के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नितिन नखाते ने बताया बच्चों को सुसंस्कारित करने का अभिनंदनीय कार्य हैं. बच्चे पढ़ लिखकर बड़े हो जाते हैं लेकिन उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान नहीं रहता श्री सैतवाल जैन संगठन मंडल ने उठाया यह कदम जितनी प्रशंसा की जाये उतनी कम हैं. आज जो संस्करों का बीजारोपण किया जा रहा हैं उसके फल भविष्य में निश्चित ही मिलेंगे. अन्य मंदिर संस्थाएं यह कदम उठाएं.
श्री दिगंबर जैन युवक मंडल (सैतवाल) के पूर्व सचिव डॉ. नरेंद्र भुसारी ने अपने प्रतिक्रिया में बताया श्री सैतवाल जैन संगठन मंडल महावीरनगर नागपुर द्वारा प्रति रविवार को सुबह मंदिर में समाज के छोटे बच्चों को अभिषेक व पूजा का तज्ञों के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण हो रहा हैं मंडल द्वारा लिया जा रहा उपक्रम स्तुत्य उपक्रम हैं. जीवन में आचरण में लाये ऐसा ज्ञान प्राप्त हो रहा हैं. इस उपक्रम से अनेक बालकों के जीवन में परिवर्तन निश्चित ही आयेगा. इस उपक्रम के लिए चंद्रकांत वेखंडे और उनके सहयोगी अभिनंदन के पात्र हैं.