विदर्भ राय आंदोलन समिति का सुझाव
नागपुर-: विदर्भ से जानेवाले नागपुर- मुंबई समुद्धि महामार्ग को किस का नाम दें, इसे लेकर शिवसेना व भाजपा में विवाद शुरू हुआ है. भाजपा व शिवसेना दोनों विदर्भविरोधी ही है. इसलिए इस महामार्ग को पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेयी अथवा शिवसेनाप्रमुख बालासाहब ठाकरे इसमें से किसी का भी नाम न दें,ऐसी मांग विदर्भ राय आंदोलन समिति के संयोजक राम नेवले ने की है.
शिवसेना ने हमेशा विदर्भ का विरोध करने से विदर्भ राय नही बन सका व इससे विदर्भ पिछड़ा रहा. विदर्भ में बेरोजगारों की फौज निर्माण हुई. विदर्भ में 40 हजार से अधिक किसानों ने आत्महत्याएं की. विदर्भ का विकास नही हुआ. सिचाई क्षमता नही बढ़ी. इसके लिए शिवसेना जिम्मेदार है. बालासाहब ठाकरे ने रामटेक की सभा में विदर्भ का ढ़ाई वर्ष में विकास नही हुआ तो, मैं विदर्भ राय बनाने के लिए सहयोग करने का आश्वासन दिया था.
परंतु, विदर्भ का विकास भी नही किया व विदर्भ भी बनने नही दिया. तथा भाजपा ने 1997 में भुवनेश्वर की कार्यकारिणी में अलग विदर्भ का प्रस्ताव पारित किया था. परंतु, विदर्भ रा’य का गठन नहीं किया. विदर्भ दिया तो शिवसेना विरोध करेगी व केंद्र की सत्ता हाथ से निकल जाएगी इसलिए अटलजी ने विदर्भ नहीं दिया, ऐसा आरोप भी नेवले ने लगाया. विदर्भ रा’य निर्माण न होने देने के लिए अटलबिहारी बाजपेयी व बालासाहब ठाकरे दोनों समान जिम्मेदार है. इसलिए विदर्भ से जानेवाले समृद्धि महामार्ग को दोनों का नाम देने के लिए विवाद न करें. विदर्भ विरोधी नेताओं के नाम विदर्भ से जानेवाले समृद्धि महामार्ग न दें, ऐसी विदर्भ राय आंदोलन समिति की स्पष्ट भूमिका होने की बात नेवले ने स्पष्ट की है.
दूसरी ओर नागपुर जिले के शिवसैनिकों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि समृद्धि महामार्ग को बालासाहेब ठाकरे के नाम नहीं देने पर शिवसेना तीव्र आंदोलन करेंगी,जिसके जिम्मेदार भाजपा की अगुआई वाला राज्य सरकार की होंगी।