फडणवीस के करीबी को मिलेगा सबसे हसीन तोहफा
नागपुर। शिवसेना ने कुछ दिन पहले ही अपने मुखपत्र ‘सामना’ में भाजपा की आलोचना करते हुए लिखा था कि राज्य में पहले की और वर्तमान सरकार में कोई फर्क नहीं है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर इस बयान को सच करने जा रहे हैं. भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री शीघ्र ही अपने सबसे करीबी नेता संदीप जोशी को सबसे बड़े लाभ के पदों में से एक एमएसईडीसीएल (महावितरण कंपनी) का डायरेक्टर बनाने जा रहे हैं. इस संबंध में अगले 48 से 72 घंटों के भीतर कोई आदेश जारी हो सकता है.
बताते हैं कि भाजपा और शिवसेना में संदीप से बड़े दिग्गज नेताओं की पूरी कतार मौजूद है, मगर सब को दरकिनार कर जोशी को यह पद सौंपा जा रहा है.
ज्ञात हो कि संदीप जोशी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के शुरुआती दिनों का साथी माना जाता है. संदीप ने फडणवीस का दामन कभी नहीं छोड़ा. देवेंद्र ने भी राजनीति में संदीप को वह सब कुछ दिया, जिसके हकदार वे भले न रहे हों. फिर चाहे मामला पार्टी की जिम्मेदारी का हो या लाभ के किसी पद पर बैठाने का. देवेंद्र ने संदीप को लगातार दो दफा नागपुर महानगरपालिका की स्थायी समिति का अध्यक्ष बनवाया. इसके लिए इस पद के मजबूत दावेदारों को भी नजरअंदाज किया गया. जोशी ने अपने कार्यकाल में स्थायी समिति की बैठकें सेकेंडों में निपटाई, फिर चाहे समिति के सदस्य बैठक में पहुंचे हों या नहीं. संदीप जोशी अपने ही कार्यकाल में ओसीडब्ल्यू और सीमेंट रोड के मामले में भी लपेटे में आए और बड़ी सफाई से बच भी निकले.
भाजपा के सत्ता में आते ही शहर के वरिष्ठ नेताओं से लेकर तो चुनाव बाद भाजपाई बने नेताओं की उम्मीदें अपने कद से ज्यादा बढ़ गर्इं थी. सभी बड़े से बड़ा लाभ का पद पाने का सपना खुली आंखों से देख रहे थे. इसमें शिवसेना और भाजपा के नेताओं के करीबियों का समावेश था, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और शिवसेना को नजरअंदाज कर अपने खासमखास नेताओं को लाभ के पदों पर बैठाने का क्रम जारी रखा है. अब तक मुख्यमंत्री 5 दर्जन से अधिक करीबियों को सरकारी लाभ के पदों पर आसीन करा चुके हैं. इसी क्रम में अब संदीप को महावितरण का निदेशक बनाने का निर्णय लिया गया है. शीघ्र ही इस संबंध में आदेश जारी होने की उम्मीद है. जिले में गडकरी, सुधाकर देशमुख, कृष्णा खोपड़े, अनिल सोले, बावनकुले, आरएसएस, शिवसेना सहित भाजपा समर्थक फडणवीस की ओर टकटकी लगाए अपने क्रम का इंतजार कर रहे थे, ताकि वरिष्ठता और काबिलियत के आधार पर उन्हें भी लाभ के पदों पर बैठाया जाए, लेकिन इन दिनों चालू घटनाक्रम ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.
ऊर्जा मंत्री पर निगरानी?
ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के करीबी और भाजपा के एक नेता के अनुसार फडणवीस ने केवल बावनकुले के दैनिक कार्यों पर नजर रखने के लिए ही संदीप जोशी को वहां नियुक्त करने की योजना बनाई है. जान लें कि ऊर्जा मंत्री को गडकरी का खासमखास माना जाता है.