नई दिल्ली: तीन तलाक के महत्वपूर्ण मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई पूर्ण फैसला देने से इंकार कर दिया है। पांच जजों की बेंच में चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने सबसे पहले इस पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि तीन तलाक धार्मिक प्रक्रिया और भावनाओं से जुड़ा मामला है, इसलिए इसे एकदम से खारिज नहीं किया जा सकता।
– चीफ जस्टिस के बाद तीन अन्य जजों जस्टिस फली नरीमन, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस कुरियन ने इस पर अपना फैसला सुनाते हुए तीन तलाक को असैंवधानिक करार दिया है।
-चीफ जस्टिस ने अपनी अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए तीन तलाक पर फिलहाल देशभर में छह महीने के लिए रोक लगा दी है।
-फैसले में चीफ जस्टिस ने कहा कि यह मामला धार्मिक प्रक्रियाओं से जुड़ा है इसलिए संसद को इस पर कानून बनाना चाहिए।
– सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इसे रद्द करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मसला है इसलिए सरकार और संसद को इसमें बदलाव की पहल करनी चाहिए।
– कोर्ट ने यह भी कहा तलाक ए बिद्दत अनुच्छेद 14,15,21 और 25 का उल्लंघन नहीं है।