नागपुर : नागपुर शहर को बदनाम करने वाले डब्बा घोटाले के आरोपियों कन्हैया थावरानी एवं उसके साथियों को आज सर्वोच्च न्यायालय ने नोटिस जारी करते हुए उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. उच्च न्यायालय ने डब्बा घोटाले के आरोपियों को अग्रिम जमानत यह कहते हुए दे रखा है कि कानूनी प्रक्रिया के समुचित उपयोग से ही पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी.
उल्लेखनीय है कि डब्बा घोटालेबाजों पर जब पिछले वर्ष पुलिस ने कार्रवाई की थी तो उन्हें मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ से राहत मिल गयी थी. उच्च नयायालय की नागपुर खंडपीठ ने पुलिस को यह कहते हुए फटकार लगायी थी कि आर्थिक मामलों में बिना अधिकृत एजेंसी की शिकायत के एफआइआर दर्ज नहीं की जा सकती है. साथ ही उच्च न्यायालय ने आरोपियों की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली थी.
महाराष्ट्र सरकार ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी. सर्वोच्च न्यायालय ने मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से इंकार किया, लेकिन आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है. सर्वोच्च न्यायालय ने नागपुर के डब्बा कारोबारियों पर हुयी कार्रवाई को कानून की हद में माना है और इस विषय पर आगे सुनवाई जारी रखने में दिलचस्पी दिखायी है.