नागपूर : मुफ़्त शिक्षा के अधिकार में शिक्षा पा रहे विद्यार्थियों को पहली से आठवीं कक्षा तक मुफ़्त में शिक्षा सरकार द्वारा मुहैया कराई जाती थी लेकिन तो जिन छात्रों की शिक्षा आठवी तक हो चुकी है उन्हें स्कूल द्वारा बाहर किया जा रहा है इस संदर्भ में प्राथमिक शिक्षण संचालक को संज्ञान लेने को संगठन द्वारा कहा गया
इस संदर्भ में 21 मार्च को आदेश जारी किया गया जिसमें प्रमुखता से अंकित किया गया है
कि आठवी के आरटीई के छात्रों को टीसी ना दे पालक नियमित ट्यूशन भरने इक्छुक है तो आगे की शिक्षा जारी रखे । आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मो शाहिद शरीफ ने माँग की है कि नई शिक्षा नीति मे आरटीई १ से १२ तक होने का उल्लेख है तो उसी तर्ज़ पर १२ तक शिक्षा मुफ़्त मे हो।
यदि स्कूल वाले आरटीई के छात्रों को जबरन टीसी देते है तो उन पर आरटीई अधिनियम के तहत कारवाई होना चाहिए ।यह आदेश सभी बोर्ड के स्कूलों को लागू है ।