काटोल: जिले में उत्कृष्ट नागपुरी संतरा तथा मौसबी के लिए प्रसिद्ध काटोल तहसील में भीषण आग उगल वाली गर्मी तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं उपलब्ध होने से बड़ी संख्या में संतरे और मौसबी के पेड सूख रहे हैं. संतरा मौसबी उत्पादन किसानों के बगीचे में अबिया बहार के संतरो की फसल पेड पर है. जबकि गर्मी के मौसम चलते रोजाना पारा आग उगलने की वजह से अबिया के नींबू के आकार के संतरे नीचे टपक रहे हैं. एप्रिल, मई महीने में कभी भीषण गर्मी तो मौसम में बदलाव के कारण आगमी जुलाई माह में मृग बहार भी खतरे में पडने की संभावना है.
जिले में काटोल, मोहपा, कोंढाली, सावनेर, नरखेड आदी क्षेत्रों में संपूर्ण देश में नागपूरी संतरे के लिए प्रसिद्ध है. जिले के संतरा उत्पादक किसानों को गत कुछ वर्षों से लगातार भारी परेशानीयों का सामना करना पड रहा है. तहसील में भूमिगत जल स्तर तेजी से नीचे जाने के कारण संतरा उत्पादन किसानों के खेत खलिहान के कुए फरवरी और मार्च महीने में दम तोडते हुए दिखाई दिए जिससे कुए सूख गए. इससे सिंचाई के लिए पानी की किल्लत हो रही है. जिससे संतरे के हजारों पेड सूख रहे हैं.
इस वजह से किसानों के सामने पेडों को पानी कि किल्लत से किस तरह बचाये रखने के लिए बड़ी चुनौती आ खड़ी हो गई कि सच्चाई के लिए पानी कहा से लाए. इसलिए किसानों द्वारा अपने खेत खलिहानों में पानी के लिए 500 से 1000 व 1500 फीट गहराई तक बोरिंग मशीन द्वारा बोर करते नंजर आ रहे हैं तथा उनके पानी के बोर खाली हाथ लग रहे हैं. जिससे किसानों के समक्ष अपने पेंडो को बचाने के लिए एक बहुत ही बड़ा संकट दायक समस्या आन पड़ी है.