भंडारा। एक व्यक्ति ने अपने जमीन की दो रजिस्ट्रियों के लिए साकोली तहसील कार्यालय पहुँचने पर उसे दुय्यम निबंधक ने रजिस्ट्रियों के एवज में 20 हजार की रिश्वत माँगी. बाद में मोलभाव कर 15 हजार रिश्वत की रकम नोटरी के हवाले से प्राप्त करने की जुगत में दोनों एसीबी के हत्थे चढ़ गए. इसके बाद दुय्यम अधिकारी व नोटरी के खिलाफ साकोली पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया गया. इस कार्यवाही के बाद तहसील कार्यालय में मिलीभगत से चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खुल गई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता द्वारा बेची गई खेत जमीन तथा उसकी भांजी द्वारा खरीदे गए प्लॉट की रजिस्ट्री करने के लिए भंडारा जिले के साकोली तहसील कार्यालय जाने पर नोटरी मुरलीधर अल्लूजी कराड़े के मार्फत दुय्यम निबंधक (द्वितीय श्रेणी) कैलाश शंकर गाड़े ने उक्त रजिस्ट्रियों के लिए प्रति रजिस्ट्री 10 हजार के हिसाब से 20 हजार रुपए की रिश्वत माँगी. शिकायतकर्ता ने रिश्वत की रकम न देते हुए उसकी शिकायत एसीबी, भंडारा से कर दी. उधर शिकायत के आधार पर 17 दिसम्बर को एसीबी, भंडारा की पूरी टीम भंडारा तहसील कार्यालय के दुय्यम निबंधक कार्यालय में जाल बिछा रखी. शिकायतकर्ता से मोलभाव कर 15 हजार की रकम दुय्यम निबंधक ने रिश्वत की रकम नोटरी को देने को कहा. जैसे ही नोटरी मुरलीधर अल्लू तराले ने रकम ली वैसे ही एसीबी के अधिकारी उसे धर दबोचा. उक्त मामले में दुय्यम निबंधक व नोटरी पर पुलिस थाना साकोली में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर मामले की जाँच की जा रही है.
उक्त कार्यवाही पुलिस उपअधीक्षक प्रशांत कोलवाडकर, पुलिस निरीक्षक किशोर पर्वते, पुलिस निरीक्षक जीवण भातुकले, नोपोकॉ अशोक लुलेकर, पराग राऊत, गौतम राऊत, सचिन हलमारे, अश्विण कुमार गोस्वामी, लोकेश वासणिक, मपोशि रसिका कंगाले चानापोशि शरद टांगले ने की.