वाशिम। ‘भारतीय नागरिकांचा घास रोज अडतो ओठी, सैनिकहो तुमच्यासाठी’ आशा भोसले द्वारा गाये यह गीत को सिर्फ सुनने के लिए नहीं बल्कि करने के लिए भी है. इसका आदर्श यहां लाखाला क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिक व सेवा निवृत्त में देखने को मिला है. यह वरिष्ठ नागरिक अपने सामाजिक दायित्व अब भी नहीं भूले हैं. इसका जीता-जागता उदाहरण है. दिवाली के दिन फूटते फटाकों को देख उन्हें देश के लिए न्यौछावर सैनिक द्वारा की जाने वाली गोलीबारी याद आयी. हम यहां दिवाली मनाते हैं, उधर जीवन की बाजी लगाने वाले सैनिकों क्या होता होगा, यह बात उनके मन को कचोटने लगी. इसलिए हमें उन सैनिकों के कल्याण के लिए अपना योगदान देना चाहिए. ऐसी भावना उनमें जगी. इस दिशा में पहल कर वरिष्ठों ने कुल 5100 रुपये जमा कर उक्त रकम जिले के सैनिक बोर्ड के सैनिक कल्याण निधि को दी.
इस निधि संकलन में सेवा निवृत्त संघ के जिलाध्यक्ष के.डी. उज्जेनकर, सचिव बी.डी. साखरकर, उपाध्यक्ष प्रभाकर लकस, गोविंदराव मुठाल, ठेकेदार देशमुख, पं. गुरुजी, वामनराव त्रिकाल, महादेवराव अफुणे, बांगर गुरुजी, बाजड गुरुजी, देशमुख मोठेगावकर, चव्हाण, किसनराव जाधव, मंत्री, डॉ. बांडे, तायडे, जोशी गुरुजी, माधव पाटील, धोत्रे, अशोक गोरे, नारायण कुलकर्णी, पुरुषोत्तम सत्तर्के, दीपक जहागीरदार, सत्यनारायण मुंदडा, एकनाथ कावरखे, उद्धवराव काकले, डी.एम. इंगोले, खानझोड़े, सुनी जगताप, पी.जी. उज्जैनकर, वाणी, रामचंद्र काकड़े, गिरधारीलाल सारडा, प्रकाश ठाकरे, अनिल बंठे, मधुकर चव्हाण, अर्जुन बुंधे, दत्तराव देशमुख, गोविंदराव रंगभाल, राजकुमार खिल्लारी, एम.आर. पांडे ने योगदान दिया.
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