Published On : Fri, Nov 25th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

एम्स में एमबीबीएस के सात छात्र निलंबित

नागपुर: नागपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डीन डॉ मृणाल पाठक ने एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के सात छात्रों को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक डीन ने यह कदम उस घटना के परिप्रेक्ष्य में उठाया है जिसमें इन सात छात्रों ने रात में अपने छात्रावास के कमरे में प्रथम वर्ष के छात्रों को बुलाया था और इसके बाद वहां विवाद शुरू हो गया।

Gold Rate
Monday 03 Feb. 2025
Gold 24 KT 82,400 /-
Gold 22 KT 76,600 /-
Silver / Kg 93,300 /-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

डॉ. पाठक ने हालांकि 22 नवंबर को जारी निलंबन पत्र में सटीक आरोप का उल्लेख नहीं किया है जिसके लिए इन साथ छात्रों को गंभीर सजा दी गई है। पत्र में लिखा गया है कि यह आपकी द्वारा की गई घोर अनुशासनहीनता और संस्थान के नियमों के उल्लंघन के कारण है। निलंबन की अवधि 23 नवंबर 2022 से 22 मई 2023

कुछ फैकल्टी सदस्यों ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा कि अगर कोई बड़ा उल्लंघन किया है तो एक या दो महीने का निलंबन स्वीकार किया जा सकता है लेकिन इतनी लंबी सजा छात्रों के करियर को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।

डॉ पाठक ने कहा कि छात्रों के खिलाफ की गयी कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है जिसे रद्द भी किया जा सकता है। उन्होंने इसके पीछे सटीक कारण बताने से इनकार कर दिया। छात्रों को कथित तौर पर बुधवार को कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी गई और उन्होंने पार्किंग के स्थान पर अपना समय बिताया।

एम्स नागपुर की निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने कहा कि बड़ी संख्या में कक्षा से बाहर रहना, भोजन बंक करना, भोजनालय में अनुशासनहीनता, साथी छात्रों के खिलाफ आक्रामकता, कॉलेज के कार्यक्रमों में शामिल नहीं होना और रात में छात्रावास में अनुचित व्यवहार जैसी बातें भले ही सुनने में छोटी लगे लेकिन ये महत्वपूर्ण हैं और बहुत मायने रखती हैं।

उन्हाेंने कहा कि संस्थान सुधारात्मक उपाय करने के लिए प्रोत्साहित करता है और छात्रों के बीच सकारात्मक दृष्टिकोण स्थापित करने में मदद करता है। हम चाहते हैं कि वे न केवल अच्छे डॉक्टर बनें बल्कि अच्छे नागरिक भी बनें। रोजमर्रा की जिंदगी में सही और गलत की समझ पैदा करना जरूरी है। हम उनके मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक कल्याण के बारे में चिंतित हैं।

Advertisement