नागपुर: श्री कृष्ण प्रणामी परिवार के तत्वावधान में पूर्व वर्धमान नगर के श्री वीसालाड़ वणिक समाज भवन में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ जारी है. कथा का सुंदर सरस रसपान संत शिरोमणि सदानंद जी महाराज भक्तों को करा रहे हैं. आज कथा में श्री कृष्ण जन्म का प्रसंग महाराज जी ने विषद किया. श्री कृष्ण जन्म पर सभी ने उल्लास मनाया.
कथा व्यास ने कहा कि श्री कृष्ण का जन्म, जीवन और मृत्यु तीनों ही बहुत रहस्यमय है. उन्होंने जीवन को संघर्ष की बजाय उत्साह और उत्सव में बिताने का उदाहरण प्रस्तुत किया है. श्रीकृष्ण के पृथ्वी पर प्रकट होने का रहस्य यह है कि मानव इनके जीवन से कुछ नयापन सीखे. दुःख में किस तरह मुस्कुराना है यह सीख ले. श्रीकृष्ण कहते हैं कि जीवन एक युद्ध है. जहां हर रोज हमको लड़ना और जीतना पड़ता है. भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में प्रेम की पवित्र परिभाषा को जन्म दिया है. वह सिखाते हैं कि कैसे प्रेम किया जाता है और दोस्ती निभाई जाती है. श्रीकृष्ण के जीवन का उद्देश्य सभी को प्रसन्न रखना ही था. प्रेम की सच्ची परिभाषा का निर्माण कर सभी ओर आनंद फैलाना यह श्रीकृष्ण के जीवन से मनुष्य को सीखना चाहिए.
आज श्रीकृष्ण जन्म पर कथा स्थली को गुब्बारों से सजाया गया. श्रीकृष्ण के जन्म पर माखन मिश्री की बौछार की गई. महिलाओं ने बधाई गीत गाकर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया. सजीव झांकी इस अवसर पर प्रस्तुत की गई. नंदबाबा के रूप में दिनेश गुप्ता, यशोदा बनी मंजू गुप्ता, वासुदेव- दिनेश गोयल, बाल कृष्ण के रूप में आनिया अनूज अग्रवाल, माधव अग्रवाल, रितेश अग्रवाल, रियांश अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, उषा अग्रवाल, शोभा संभारे, कुंदा वावने, श्रेया अग्रवाल प्रस्तुत हुए.
व्यासपीठ का पूजन अनिल गुप्ता, दिनेश गोयल, सतीश जिंदल, कैलाश चंद अग्रवाल, गिरधारी अग्रवाल, दिनेश गुप्ता, सजन अग्रवाल, पुरुषोत्तम मंडविया, शंकर अग्रवाल, सुंदरलाल गोयल, पवन अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, श्याम सखी मंडल, सुभाष अग्रवाल, मनमोहन मालपानी, सत्यनारायण गोयल, मुरली महिपाल, गोपाल खंडेलवाल, मयूर ठक्कर, बंटी सिंघानिया, पैलेश जोशी, विनोद शर्मा, विजय अग्रवाल, भरत मिश्रा, सुरेश अरोड़ा, अनुसूर्या अग्रवाल, मधु अग्रवाल, भगवती अग्रवाल, कलावती अग्रवाल, विमला गाडोडिया, लक्ष्मी अग्रवाल, दीपा गोयल, मीना अग्रवाल, गीता शर्मा, शारदा अग्रवाल सहित अन्य ने किया. कथा का समय दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक रखा गया है.