Published On : Thu, Feb 22nd, 2018

विदर्भ की माँग पर शरद पवार का बयान उनकी स्वार्थी राजनीतिक मानसिकता को प्रदर्शित करती है – श्रीहरि अणे

Advertisement

Sharad Pawar and Shrihari Aney
नागपुर: विदर्भ राज्य की माँग पर शरद पवार द्वारा दिए गए बयान पर विदर्भवादी नेता श्रीहरी अणे ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहाँ है की पवार के बयान से महज उनकी स्वार्थी मानसिकता प्रदर्शित होती है। विदर्भ में हिंदी-मराठी भाषी लोगो के बीच कभी वाद नहीं रहा। विदर्भ सिर्फ मराठी या हिंदी भाषी लोगो का नहीं अपितु बंगाली, छत्तीसगढ़ी, तेलंगी, गोंडी, मारवाड़ियों के ही साथ सबका है। सभी तरह की भाषा बोलने वाले लोगो का विदर्भ में वास्तव्य है। हमें सिर्फ हमारे विकास से मतलब है।

बुधवार को पुणे में मनसे प्रमुख राज ठाकरे को दिए गए साक्षात्कार में पवार ने कहाँ था की मराठी मूल के लोगों को विदर्भ नहीं चाहिए केवल चार जिलों में विदर्भ राज्य की माँग है यहाँ हिंदी भाषी लोग बहुतायात में है। विदर्भ की स्थिति अलग है पहले नागपुर से अकोला का हिस्सा मध्य भारत में आता था नागपुर से अकोला का हिस्सा मध्य भारत में समाहित था। नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया में ही स्वतंत्र विदर्भ की माँग है। इस आंदोलन का नेतृत्व करने वाला वर्ग मराठी नहीं है।

अपने बयान में पवार ने आशंका व्यक्त की थी विदर्भ में रहने वाले अन्य भाषिकों को यह लगता है की स्वतंत्र विदर्भ का नेतृत्व अपने हाँथो में आ सकता है इसलिए वह यह माँग उठा रहे है। लेकिन अणे के मुताबिक विदर्भ राज्य बनाने के बाद उसका मुख्यमंत्री हिंदी भाषी होगा या मराठी इसका डर सिर्फ विदर्भ के मुद्दे पर राजनीति करने वालो को ही लगता है। यह डर स्वार्थी मानसिकता का प्रदर्शित करता है। विदर्भ की माँग का सीधा संबंध विकास से है। वर्ष 1960 से 2014 तक राज्य का एक भी मराठी भाषी मुख्यमंत्री विदर्भ का विकास नहीं कर पाया इसलिए हमें विदर्भ राज्य की आवश्यकता है।

Gold Rate
Thursday 09 Jan. 2025
Gold 24 KT 78,700 /-
Gold 22 KT 73,200 /-
Silver / Kg 91,200 /-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above
Advertisement