भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 39वें स्थापना दिवस पर पार्टी के कद्दावर नेता शत्रुघ्न सिन्हा शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. बीजेपी नेतृत्व के साथ लंबे समय से खफा चल रहे शत्रुघ्न सिन्हा दिल्ली में एक कार्यक्रम में कांग्रेस में शामिल हुए. इस दौरान कांग्रेस की ओर से पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्तिसिंह गोहिल, पार्टी के वरिष्ठ नेता के सी वेणुगोपाल मौजूद थे.
इस दौरान पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बेबाक राय रखने वाले शत्रुघ्न सिन्हा गलत पार्टी में थे. केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस की विचारधारा को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होंगे.
कांग्रेस में शामिल होने के बाद क्या बोले शत्रुघ्न सिन्हा
कांग्रेस में शामिल होने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि नवरात्र के मौके पर वे कांग्रेस में शामिल हुए हैं और इस मौके पर कांग्रेस नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हैं. शत्रुघ्न सिन्हा ने इस मौके पर अपनी राजनीतिक जीवन यात्रा में शामिल सभी लोगों को शुभकामनाएं दी. शत्रुघ्न सिन्हा ने नरेंद्र मोदी, अमित शाह पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी में उन्होंने लोक शाही को धीरे-धीरे तानाशाही में परिवर्तित होते देखा. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मौजूदा बीजेपी नेतृत्व ने यशवंत सिन्हा, मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी जैसे कद्दावर शख्सियतों को निपटा दिया गया.
शत्रुघ्न सिन्हा ने इस मौके पर अपने दिल में दबे दर्द को भी बयां किया. शत्रुघ्न सिन्हा ने पूछा कि आखिर बीजेपी सरकार में उन्हें मंत्री क्यों नहीं बनाया गया. उन्होंने कहा कि क्या उनके अंदर काबिलियत नहीं या फिर उनके अंदर क्या कमी थी. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बीजेपी में इस वक्त तानाशाही सरकार चल रही है. उन्होंने कहा कि ये वन मैन शो और टू मैन आर्मी की सरकार है. शत्रु ने कहा कि केंद्र के मंत्रियों को अपना सचिव रखने की इजाजत रखने की नहीं थी.
इससे पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर कहा था कि वे भारी मन और गहरी वेदना से सूचित कर रहे हैं कि उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी बीजेपी को अलविदा कह दिया है, और इसका कारण हम सभी को पता है, शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि बड़ा संयोग है कि आज ही बीजेपी का स्थापना दिवस भी है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उन्हें किसी से कोई नाराजगी या आपत्ति नहीं है क्योंकि वे हमारे परिवार के जैसे थे और वे बीजेपी में भारत रत्न नानाजी देशमुख, अटल बिहारी वाजपेयी, उनके दोस्त गाइड और गुरु लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में पले बढ़े.