Mumbai: मोदी सरकार की कैबिनेट फेरबदल के अगले ही दिन एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने बीजेपी पर हमला किया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा, ‘ये एनडीए का विस्तार नहीं बल्कि बीजेपी के मंत्रीमंडल का विस्तार है और बीजेपी ने ये विस्तार देश के अलग अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देख कर किया है।’ सामना में बड़े सांसदों को मंत्री बनाने की वजह शिवसेना ने गिनाई है।
शिवसेना ने कहा है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब के चुनाव को देख कर कुछ लोगों को मौका दिया गया है। शिवसेना ने सिख नेता एस एस अहलूवालिया पर हमला करते हुए कहा कि पंजाब के अहलूवालिया कबाड़खाने में थे। पंजाब का चुनाव देख कर उन्हें प्रकाश में लाया गया है। अजय टम्टा को भी उत्तराखंड चुनाव के मद्देनजर मंत्री बनाया गया है।
अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल के मंत्री बनने के बाद उनकी पार्टी में ही विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं। सामना में लिखा गया है कि यूपी चुनाव को देखकर ही अनुप्रिया को लाल बत्ती दी गई है और उन्हें ये कुर्सी जाति का गणित देख कर ही बीजेपी ने दी है। दिल्ली के विजय गोयल को इसलिए केंद्रीय मंत्री बनाया गया है ताकि केजरीवाल सरकार का सिर दर्द बढ़ा सकें।
वहीं, शपथ में रामदास अठावले द्वारा नाम भूल जाने पर शिवसेना ने कहा कि अठावले के साथ ये सब होता रहता है और साथ ही कहा कि अठावले को इसलिए बीजेपी ने मंत्री बनाया है ताकि यूपी और मुंबई महानगर पालिका चुनाव में दलित वोटों को रुझाया जा सके। उद्धव ठाकरे ने कहा की ये मंत्रीमंडल सरकार के कामकाज को कितनी गति देगा ये तो आने वाला कल बताएगा लेकिन ये विस्तार एनडीए का नहीं बल्कि बीजेपी का था इसलिए शिवसेना, अकाली दल, तेलगु देशम जैसे साहयोगी दलों को बुरा मानने की जरूरत नहीं है। बीजेपी के पास बहुमत है इसलिए उसे पत्ते फेंटने का पूरा अधिकार है।