उस्मानाबाद: किसानों से सम्बंधित हजारों खबरें हमने देखी और सुनी है. कभी बेमौसम बरसात और सूखे के चलते खेतों का नुकसान, कभी फसलों को भाव नहीं मिलता तो कभी सरकार से शिकायतें. और मज़बूरी के तहत किसान के आत्महत्या की दिल को दहला देने वाली घटनाएं. पर एक जज्बा किसान का येसा भी सामने आया है जिसमें गजब का आत्मविश्वास और और धरतीमां से अटूट प्यार की भावना साफ नजर आती है, जो देखनेवाले हर किसी को उल्हासीत और प्रेरित कर सोच को बदलने का काम करती है.
हम बात कर रहे हैं एक महिला किसान की. एक एेसी मर्दानी की जो अकेले 42 एकड़ खेती में दिनरात मेहनत कर किसानी करती है. उस्मानाबाद जिले का छोटा सा कस्बा गुन्जोटी जहां शोभा गायकवाड नामक किसान अकेले खेती की सारी प्रक्रियाएं बिना किसी के मदद के करती है. वह बड़े पैमाने में इसी खेती से उपज प्राप्त कर समाज के सामने बेमिसाल उदाहरण पेश कर रही है .
शोभा की खुद की बाईस एकड़ की जमीन है और साथ ही दूसरे किसानों की बीस एकड़ खेती भी उन्होंने ठेके पर ले रखी है. इस तरह कुल बयालीस एकर खेती में निरंतर खुशी से मेहनत कर बड़े शान से खुद को किसान कहलाने में शान महसूस करती हैं.
शोभा खेती के सभी कामों में प्रवीण थी. शादी हुई लेकिन पति वजनी काम नहीं कर पाते. दो बेटे अभी छोटे हैं और पढ़ाई कर रहे हैं.
पूरे परिवार की जिम्मेदारी हसते हुए अपने कांधों पर ली. खेत में सफाई , बुवाई , कटाई , आधुनिक ज्ञान के साथ फसलों का संरक्षण सभी काम खुद करती हैं.
वह बेहद आत्मविश्वास के साथ किसान आत्मह्त्या पर वह कहती हैं, ”यह धरती हमारी माता है, उसे पता है कि उसके बच्चों को क्या चाहिए. हर जरूरत पूरा करने के लिए सक्षम है यह धरती मां. इसलिए आत्महत्या का विचार दिल से दूर फेंक कर ईमानदार मेहनत और अपनी धरती से प्यार करना चाहिए.
By Narendra Puri