मदन गुप्ता सपाटू
कई बार हर धर्म में कोई न कोई ज्ञानी ऐसी तर्कहीन बात कह जाता है और उसका मर्म समझे बिना, समाज उसे धार्मिक नियम बना डालता है । ऐसे नियम साल दर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहते हैं। उन पर तर्क की बजाय अंधविश्वास चलता है।
ऐसा ही कुछ श्राद्ध पक्ष में कुछ भी न खरीदने के लिए कहा जाता है और 15- 16 दिन बाजार मुरझाया सा दिखने लगता है। शादी विवाह से जुड़े लोग, जौहरी, कार बाजार, निर्माण कारोबार आदि में सब लोग अक्सर खाली बैठे दिखाई देते हैं। हालांकि श्राद्ध पक्ष तो एक श्रद्धा पक्ष है जिसमें पितृ अपनी संतति से मिलने आते हैं। अपने परिवार की उन्नति देखकर वे प्रसन्न होंगे न कि नाराज। यह कहना गलत होगा कि पितृ पक्ष में नई चीजें खरीदने से पूर्वज नाराज हो जाते हैं और आशीर्वाद नहीं देते।
ऐसी धारणा का शास्त्रों में कहीं उल्लेख नहीं किया गया है। आप 16 दिन अपनी नियमित कामों को कैसे बंद रख सकते हैं ? इन दिनों पूर्वजों की स्मृति में अच्छे कर्म करने चाहिए। आप निर्धनों की सेवा, सामाजिक और धार्मिक कार्य कर सकते हैं। लंगर लगाएं, पेड़ लगाएं, दवाएं बांटें। ये दिन भी और दिनों की तरह शुभ ही होते हैं जब पितर हमारे घर आते हैं। उन्हें याद करके उनका आशीर्वाद लें।
हां आपराधिक, अमानवीय, गलत कृत्योें से बचना चाहिए क्योंकि नवरात्रों की तरह यह पखवाड़ा भी एक अनुशासन पर्व है। यदि आप जेवर, विवाह, गृहपयोगी, वस्तुएं, कपड़े आदि इस पक्ष में खरीदना चाहते हैं तो इन शुभ मुहूतों में भी खरीद सकते हैं। 13, 17, 24, 25 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग है। यह बेहद ही शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन आप खरीदारी कर सकते हैं। 17 सितंबर 2022 को सिद्धि योग में भी आप चाहें तो खरीदारी कर सकते हैं।13 सितंबर 2022 को वृद्धि योग है।13 और 17 सितंबर 2022 को अमृत सिद्धि योग 16 सितंबर 2022 को रवियोग है।