नागपुर– मानव जीवन में श्रीमद् भागवत कथा का बड़ा ही महत्व है। संसार में जो भी इस कथा का श्रवण करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है । यह कथा मोक्ष प्रदायिनी है । यह उद्धार मानेवाड़ा, बालाजी नगर के शीतला माता मंदिर में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के दौरान चित्रकूट के भागवत कथाकार योगेश कृष्णा महाराज ने भक्तों से कहे।
उन्होंने कहा कि भागवत कथा भगवान के श्री मुख से कही गई कथा है । कथा के समय स्वयं भगवान कथास्थल में विराजमान रहते हैं। अतः इस कथा का श्रवण शुद्ध मन से पूरे भक्ति और श्रद्धा से करना चाहिए। श्रीमद् भागवत पुराण या कथा हिंदुओं के प्रसिद्ध 18 पुराणों में से एक है। इसका मुख्य विषय आध्यात्मिक योग और भक्ति को जागृत करना है। इस पुराण में भगवान श्रीकृष्ण को सभी देवों में श्रेष्ठ माना गया है।
श्रीमद् भागवत पुराण में विद्या का अक्षर भंडार है । यह पुराण सभी प्रकार के कल्याण व सुख देने वाला है। श्रीमद् भागवत साक्षात भगवान का स्वरुप है इसलिए इसे श्रद्धापूर्वक श्रवण करना चाहिए। इसके पठन एवं श्रवण से मोक्ष सुलभ हो जाता है। मन की शुद्धि के लिए इससे बड़ा कोई साधन नहीं। जैसे सिंह की गर्जना सुनकर भेड़िए भाग जाते हैं, वैसे ही भगवान के पाठ से कलयुग के समस्त दोष नष्ट हो जाते हैं। इसके श्रवण मात्र से हरि मन में आ विराजते हैं। बहुत दिनों मन को वश में कर रखना तथा नियमों में बंधे रहना कठिन है , इसलिए भागवत श्रवण की विधि उत्तम मानी गई है । इसके पठन व श्रवण के लिए दिनों का कोई नियम नहीं है। इसे कभी भी पढ़ा और सुना जा सकता है ।
कथा से पूर्व व्यास पीठ का पूजन यजमान परिवार ने किया। कथा का समय दोपहर 3:00 से 6:30 बजे तक रखा गया है। सभी से मास्क पहनकर आने का अनुरोध किया गया है।