– पुलिस महकमे में स्टाफ की कमी,बारिश के कारण जगह-जगह पानी जमा
नागपुर –
पिछले कुछ महीनों में शहर में यातायात बाधित हो गया है और दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। मई तक 435 हादसों में 144 लोगों की जान चली गई। उसके बाद दो महीने के भीतर यह संख्या 200 के करीब पहुंच गई है। इसलिए वर्तमान में नागपुर शहर में परिवहन व्यवस्था चरमरा गई है।
पिछले कुछ वर्षों में शहर में सड़क चौड़ीकरण, नई सड़कों का निर्माण, ओवर ब्रिज और मेट्रो रेल का काम लगभग पूरा हो चुका है. हालांकि इस साल लगातार बारिश के कारण जगह-जगह पानी जमा हो रहा है और नागरिकों को परेशानी हो रही है. ट्रैफिक जाम भी रहता है। ऐसे में शहर में हादसों की संख्या भी बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर पुलिस महकमे में स्टाफ की कमी है।
यह भी देखने में आया है कि यातायात विभाग के पास पर्याप्त मनुष्यबल नहीं है। इससे व्यवस्था पर भारी दबाव है। यातायात को नियंत्रित करना भी असंभव हो गया है। विभाग सीसीटीवी से ही निगरानी कर चालानों को फाड़ने पर ध्यान दे रहा है.
भीड़भाड़ वाले स्थान : अजनी ओवर ब्रिज, मेडिकल चौक, रामेश्वरी चौक, रहाटे कॉलोनी चौक, रामदासपेठ, झांसी रानी चौक, मानस चौक, कॉटन मार्केट चौक, मुंडे चौक, जगनाडे चौक, अग्रसेन चौक, महल, डिप्टी सिग्नल रेलवे क्रॉसिंग, बड़कास चौक, कलमाना, इतवारी, मानेवाड़ा चौक, दिघोरी चौक, खरबी, सक्करदरा चौक पर भारी जाम लगा रहा.
सात माह में छह सौ घायल : पिछले सात महीनों में कम से कम 600 लोग घायल हुए हैं और लगभग 200 लोग दुर्घटनाओं के कारण मारे गए हैं. हादसों को लेकर परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है।
त्योहारों के दौरान यातायात नियंत्रण की चुनौती : शहर में जाम की स्थिति बनी रही। त्योहारों का मौसम होने के कारण शाम के समय बाजारों सहित मुख्य सड़कों पर भीड़भाड़ रहती है। हालांकि इस पर ट्रैफिक पुलिस का नियंत्रण नहीं होने से हादसों की संभावना बढ़ गई है। दिलचस्प बात यह है कि पुलिस की कमी के चलते यातायात विभाग भी दबाव में नजर आ रहा है.
शहरे हाल : 30 विकास कार्य,19 यातायात भीड़भाड़ वाले स्थान,विभिन्न स्थानों पर गड्ढों में जमा हो रहा बारिश का पानी,खतरनाक तरीके से तेज गति से वाहन चलाना गलत दिशा में वाहन चलाना,वाहन का टूटना वाहन के नियंत्रण का नुकसान,सिग्नल बंद