– कोर्ट ने नागपुर महानगरपालिका को प्रतिवादी बनाते हुए अगले हफ्ते की तारीख सुनवाई के लिए तय की है
नागपुर – शहर के महात्मा फुले नगर और जूनी जरीपटका इलाके के झुग्गीवासियों ने मध्य रेलवे के आदेश के खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर की है. इसमें वंदना अनिल महेस्कर, प्रकाश हरिभाऊ कुंडे व 14 अन्य शामिल हैं।
उक्त मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति अनिल पानसरे के समक्ष हुई। याचिका के मुताबिक, याचिकाकर्ता 1995 से इलाके का निवासी है। महाराष्ट्र स्लम एक्ट के अनुसार राज्य सरकार ने 11 जुलाई 2001 को स्लम धारक के रूप में पहचान पत्र जारी किया।
इसके बावजूद मध्य रेलवे के संपत्ति विभाग के वरिष्ठ मंडल अभियंताओं ने सार्वजनिक परिसर अधिनियम के तहत 14 मार्च और 25 मार्च 2022 को नोटिस जारी किया.
इसके साथ अनाधिकृत निर्माणकार्य तो तोड़ने का आदेश दिया। हालांकि, चूंकि हम आधिकारिक निवासी हैं,मध्य रेलवे ने जिस नियम के तहत कार्रवाई के आदेश दिए,यह हमें लागु नहीं होता हैं. इसके अलावा, याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने हमें उसी अधिनियम की धारा 4 और 5 के तहत अपना मामला पेश करने का अवसर नहीं दिया है।
इसलिए, याचिकाकर्ताओं ने अनुरोध किया कि 14 और 25 मार्च के नोटिस को रद्द किया जाए और मध्य रेलवे प्रबंधन के समक्ष हमें हमारा पक्ष रखने का मौका दिया जाए। कोर्ट ने नागपुर महानगरपालिका को प्रतिवादी बनाते हुए अगले हफ्ते की तारीख सुनवाई के लिए तय की है. झोपड़पट्टी वासियों की ओर से अधिवक्ता नितिन लालवानी ने पैरवी की.