नागपुर: सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने बिना जमानती कर्ज की सीमा दो करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए कर दी है। इस फैसले से महाराष्ट्र के सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बहुत लाभ होगा।
केंद्र सरकार का एक सकारात्मक कदम
लघु उद्योग क्षेत्र के लिए भारत सरकार का यह एक बहुत ही सकारात्मक कदम है। पूंजी जुटाने के लिए सूक्ष्म और लघु उद्यमों के पास बहुत कम विकल्प हैं। इसके अलावा, जैसा कि बैंक संपार्श्विक मांगते हैं, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट (सीजीटीएमएसई) नामक एक महत्वपूर्ण योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
इसके तहत सूक्ष्म और लघु उद्यमों को दो करोड़ तक का असुरक्षित ऋण प्राप्त करने की सुविधा है। कर्जदार को ब्याज दर के अलावा दो फीसदी और कहीं-कहीं तीन फीसदी तक गारंटी शुल्क देना पड़ता था।
राष्ट्रीय उद्यम बोर्ड के सदस्य प्रदीप पेशकर ने राष्ट्रीय उद्यम बोर्ड की केंद्रीय बैठक में मांग की कि गारंटी शुल्क कर्ज लेने वाले से नहीं बल्कि बैंकों से लिया जाए और मांग की कि असुरक्षित ऋण की सीमा को दो करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए कर दिया जाए।
सरकार ने इस मांग पर सकारात्मक फैसला लेते हुए अब कर्ज की सीमा बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए कर दी है। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने यह अहम फैसला लेकर उद्योग जगत को राहत दी है।
सभी राष्ट्रीयकृत बैंक, सभी निजी बैंक और सभी सहकारी बैंक जो सक्षम और उन्हें पूरा करने के इच्छुक हैं, क्रेडिट गारंटी योजना के तहत पांच करोड़ रुपए तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं।