नागपुर: नागपुर महानगर पालिका के सफ़ाई कर्मचारियों के कामकाज पर अक़्सर जनप्रतिनिधी ही सवाल उठाते रहते है। सफ़ाई कर्मचारियों पर ड्यूटी में कोताही बरतें जाने का आरोप लगाना आम बात है। इस समस्या का तोड़ निकालते हुए मनपा ने अपने सफ़ाई कर्मचारियों को जीपीआरएस इन बिल्ड स्मार्ट वॉच (घड़ी) देने का फ़ैसला किया। इसके तहत 8 हज़ार में से लगभग डेढ़ हज़ार सफ़ाई कर्मचारियों को यह घड़ी दी भी जा चुकी है।
और बाक़ायदा मनपा हेडक्वॉटर में बने कंट्रोल रूम से घड़ी पहनने वाले सफ़ाई कर्मचारियों की ट्रैकिंग शुरू भी की जा चुकी है। काम में गैरहाज़िरी की समस्या को देखते हुए जल्द ही वॉच को सफ़ाई कर्मचारियों के पेमेंट से लिंक किया जाने वाला है जिसके बाद रजिस्टर में ड्यूटी की एंट्री की न केवल झंझट ख़त्म हो जाएगी बल्कि तकनीक के माध्यम से काम की मॉनिटरिंग भी की जायेगी।
स्मार्ट सिटी योजना के तहत सफाई कर्मचारियों को घड़ी उपलब्ध कराये जाने के फ़ायदे देखते हुए खुद मनपा आयुक्त वीरेंद्र सिंह ने घड़ी पहनने की शुरुवात की बल्कि सभी विभाग प्रमुखों को भी काम के दौरान घड़ी पहनने का अनिवार्य नियम बनाया। फ़िलहाल नागपुर शहर में मनपा के लगभग 8 हजार सफ़ाई कर्मचारी है। जिनमे 4400 अस्थाई और 3500 स्थाई कर्मचारी है। मनपा का प्लान है की आगामी एक महीने के भीतर स्मार्ट वॉच सभी कर्मचारियों को प्रदान कर दी जाये।
सरकार से संलग्न आयटीआय नामक कंपनी के साथ महानगर पालिका के आगामी पाँच वर्षो का करार किया है। इस करार के मुताबिक कंपनी प्रत्येक घड़ी पर सर्विस चार्ज के रूप में हर महीने दो सौ रूपए चार्ज करेगी। मनपा के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के टेक्नीकल सेंटर में ही जीएपीआरएस से लैस इस वॉच की भी मॉनिटर्निंग की जाएगी।
मनपा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रदीप दासलवारके मुताबिक पहले सफ़ाई कर्मचारियों को लेकर उनके पास हर दिन कई शिकायतें आती थी लेकिन बीते कुछ दिनों में जबसे स्मार्ट वॉच वितरित हुई है। शिकायतों में कमी आयी है । वॉच का रजिस्ट्रेशन व्यक्तिगत किया गया है और जिस कर्मचारी को इसे दिया गया है उसका सारा रिकॉर्ड इन बिल्ड किया गया है। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया की इस वॉच को लेकर कर्मचारियों में डर का माहौल बना है जिससे काम बेहतर हुआ है।
देखे कैसे काम करती है सफ़ाईकर्मियों को मनपा द्वारा दी गई वॉच