Published On : Fri, May 25th, 2018

खरीदी हुई दवा असली है या नकली, वॉट्सऐप से चल सकेगा पता

Advertisement

Fake medicine

नई दिल्ली: आम लोगों को नकली दवाओं से बचाने के लिए अनूठा पहल किया जा रहा है। इस व्‍यवस्‍था के लागू होने की स्थिति में जरूरतमंद एसएमएस या वॉट्सऐप मैसेज से संबंधित दवाओं के बारे में पता लग सकेंगे कि वह असली है या नकली। इसके लिए दवा कंपनियों को अगले तीन महीनों में दवाओं के कवर पर विशिष्‍ट कोड प्रिंट करना होगा। एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि इसकी मदद से शीर्ष 300 ब्रांड की दवाओं के नाम पर भारतीय बाजार में धड़ल्‍ले से बिक रही नकली दवाओं पर लगाम लग सकेगा और इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाए जा सकेंगे।

‘इकोनोमिक टाइम्‍स’ के अनुसार, ड्रग्‍स टेक्निकल एडवायजरी बोर्ड (डीटीएबी) ने ‘ट्रेस एंड ट्रैक मेकेनिज्‍म’ के प्रस्‍ताव को अपनी स्‍वीकृति दे दी है। अधिकारियों ने बताया कि इसको लेकर डीटीएबी की 16 मई को बैठक हुई थी। यह व्‍यवस्‍था फिलहाल स्‍वैच्छिक होगी। मालूम हो कि देश में नकली दवाओं का बड़ा बाजार है। कई लोकप्रिय ब्रांड की फर्जी दवाएं बाजार में बिक रही हैं। नकली दवाओं का पता लगाने का ठोस तंत्र विकसित नहीं होने के कारण जरूरतमंद इसे पहचान नहीं पाते हैं। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की मानें तो कम और मध्‍यम आय वाले देशों में बिकने वाली 10 फीसद दवाएं फर्जी होती हैं। वर्ष 2014-16 में कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में बिकने वाली 3 फीसद दवाएं निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं हैं।

Gold Rate
Thursday 13 March 2025
Gold 24 KT 87,100 /-
Gold 22 KT 81,000 /-
Silver / Kg 99,100 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

डीटीएबी द्वारा मंजूर प्रस्‍ताव में कई प्रावधान किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि नई व्‍यवस्‍था के तहत दवाओं के शीर्ष 300 ब्रांड को 14 अंकों वाला यूनीक नंबर विकसित करना होगा। यह संबंधित दवाओं के लेबल पर प्रिंटेड होगा। इसके साथ ही इन दवाओं की मार्केटिंग करने वाली कंपनियों को मोबाइल फोन नंबर भी मुहैया कराना होगा। उपभोक्‍ता इस नंबर पर एसएमएस या वॉट्सऐप मैसेज कर संबंधित दवा के बारे में सही जानकारी हासिल कर सकेंगे। इसके जरिये दवा निर्माता कंपनियों, बैच नंबर, उत्‍पादन एवं एक्‍सपायरी अवधि के बारे में सूचना मिलेगी। अधिकारियों का मानना है कि इससे आमलोगों में दवाओं के असली होने और उचित गुणवत्‍ता को लेकर विश्‍वास बढ़ेगा। साथ ही बाजार में मौजूद फर्जी दवाओं का पता लगाना भी आसान होगा।

दवा कंपनियों से चल रही बात
नकली दवाओं पर अंकुश लगाने के लिए नई व्‍यवस्‍था विकसित करने के लिए देश की बड़ी दवा निर्माता कंपनियों और दवा निर्माता संघ से बातचीत चल रही है। फिलहाल 300 ब्रांड की दवाओं की सूची तैयार की जा रही है। हालांकि, दवा कंपनियों को नए तंत्र के काम करने के तौर-तरीकों के बारे में और जानकारी मिलने का इंतजार है। पोर्टल बनाने और फोन नंबर विकसित करने को लेकर भी अभी तस्‍वीर स्‍पष्‍ट नहीं हुई है। इंडियन फमॉस्‍यूटिकल्‍स अलायंस के महासचिव डीजी. शाह ने बताया कि पोर्ट बनाने और सीरियल नंबर विकसित करने की जिम्‍मेदारी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के पास ही होना चाहिए। उन्‍होंने बताया 300 ब्रांड द्वारा अरबों उत्‍पाद बनाए जाते हैं।

Advertisement
Advertisement